Saudi – पिछले 19 महीने से सऊदी अरब की जेल में बंद हरप्रीत सिंह आखिरकार वहां से रिहा होकर अपने घर लौट आया है। हरप्रीत रोजी-रोटी की तलाश में ड्राइविंग करने सऊदी अरब गया था लेकिन वहां दोस्त की धोखाधड़ी का वो शिकार हो गया, जिसके बाद उसे जेल हो गई। सजा पूरी होने के करीब 7 महीने बाद उसकी रिहाई के लिए समाजसेवी गौरव राणा और डॉ. दविंदर बजाड़ ने विदेश मंत्रालय के पास पत्राचार शुरू किया था, जिसके बाद अब हरप्रीत अपने स्तर पर भारत लौटा है।
दोस्त ने ही फंसाया
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हरप्रीत की मां सुनीता देवी और पिता जरनैल सिंह ने बताया कि उनका बेटा 2019 में सऊदी अरब में बिन जारा ग्रुप अॉफ कंपनीज में बतौर ड्राइवर काम करने गया था। वहां उसके साथ लेबर में काम करते पाकिस्तानी व्यक्ति रशीद खान बख्त मनीर ने उसकी गाड़ी में कुछ घरेलू सामान बताकर एक थैला रखवा दिया और उसे वह थैला सऊदी अरब में अपने रिश्तेदार की एक दुकान पर पकड़ाने को कहा। उस थैले में चोरी का तांबे का सामान था। जब उस सामान के साथ वह दुकानदार पकड़ा गया तो उसने हरप्रीत का नाम लिया। इसके बाद पुलिस ने हरप्रीत को गिरफ्तार किया और रशीद की भी गिरफ्तारी हो गई थी। इस मामले में अदालत ने हरप्रीत सिंह को 1 साल की सजा की थी। हालांकि, रशीद को जमानत मिल गई थी लेकिन हरप्रीत को सजा हुई।
घर वापस आने पर मीडिया से बातचीत में हरप्रीत ने बताया कि अदालत ने उसे एक साल कैद और 100 रियाल जुर्माना किया था, जो भारतीय करेंसी में करीब 2500 रुपए बनता है। उसने बताया कि सजा पूरी होने के बाद उसके पास जुर्माना भरने की रकम नहीं थी। इस कारण उसे ज्यादा समय जेल में रहना पड़ा। उसने बताया कि जुर्माना भरे बिना उसकी रिहाई संभव नहीं थी और इसमें उसके दोस्तों ने उसकी मदद थी। समाजेसवी गौरव राणा व डॉ. दविंदर बजाड़ ने कहा कि अगर विदेश में हमारे राज्य व देश का कोई नौजवान विदेश जाता है तो वापस लाने की जिम्मेवारी विदेश मंत्रालय की बनती है। उन्होंने विदेश मंत्रालय, अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग जरिए हरप्रीत को इंसाफ दिलाने के लिए पत्राचार शुरू किया था।
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जेल ले जाते समय काटे बाल
गुरसिख परिवार से संबंध रखने वाले हरप्रीत ने बताया कि जेल ले जाते समय उसके बाल काट दिए थे, जिसका उसे बेहद दुख है। हरप्रीत की मां सुनीता देवी ने बताया कि दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बेटे की हालत देखकर उनके आंसू रुक नहीं पा रहे थे क्योंकि वह तो बेटे की घर वापसी की उम्मीद छोड़ चुके थे। जैसे ही मंगलवार देर शाम हरप्रीत घर पहुंचा, बूढ़े पिता के गले लगकर खूब रोया। घर पहुंचने पर ही उसने पहली बार अपने बेटे को भी देखा क्योंकि विदेश जाते समय उसकी पत्नी गर्भवती थी।