Saudi India :: भारतीय इंजीनियर विष्णु देव राधाकृष्णन को आखिरकार सऊदी के जेल से साढ़े पाँच साल बाद रिहाई मिल गई है। उन्हें ईशनिंदा के आरोप में सऊदी अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी। विष्णु के पिता ने 19 दिसंबर,2023 को सोशल मीडिया पर बेटे की रिहाई जानकारी शेयर की है। विष्णु देव राधाकृष्णन केरल के अलाप्पुझा के रहने वाले हैं। वह सऊदी अरामको की सहायक कंपनी, नासिर एस अल-हाजरी कॉर्पोरेशन में एक इंजीनियर थे।विष्णु देव ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर 2018 में लंदन की रहने वाली एक मुस्लिम लड़की से दोस्ती की। दोनों की ट्विटर पर बातचीत शुरू हुई तो मुस्लिम लड़की ने एक दिन भगवान शिव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।
पैगंबर मुहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी
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विष्णु देव से बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने भी इस्लाम को लेकर, पैगंबर मुहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी। उसने लिखा अल्लाह दयालु था तो यमन में स्कूलों पर बमबारी क्यों की गई। विष्णु देव के पिता ने उस दौर को याद करते हुए बताया, “ट्वीट अरामको के सर्वर से हुए। विष्णु ने मुझे बताया कि अरामको के अधिकारियों ने उस मुस्लिम लड़की के साथ उसकी बातचीत के स्क्रीनशॉट ले लिए होंगे और पुलिस को दे दिए होंगे।” गिरफ्तारी से लगभग 15 दिन पहले विष्णु से अरामको के सुरक्षा अधिकारियों ने हिरासत में ले उनसे पूछताछ की थी। कंपनी के अधिकारियों ने उनसे कहा था कि उन्हें वापस भारत भेज दिया जाएगा, लेकिन विष्णु देव को भारतीय दूतावास से संपर्क कराने की बजाय पुलिस के हवाले कर दिया गया।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग’
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उन्हें 7 जून, 2018 को सऊदी अरब की पुलिस ने ‘सोशल मीडिया का दुरुपयोग’ करने और खाड़ी देश की धार्मिक और राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुँचाने (पैगंबर मुहम्मद पर की टिप्पणी के लिए) के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसी साल 13 सितंबर को खोबार जेल में विष्णु देव को ईशनिंदा के आरोप में 5 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इसके साथ ही 1,50,000 रियाल (₹29.12 लाख) का जुर्माना लगाया गया। इसके बाद 24 जनवरी, 2019 को उनकी सजा को बढ़ाकर 10 साल करने के साथ उन पर अतिरिक्त जुर्माने भी लगाया गया।
जेल में बंद केरल के कैदियों ने उनके बेटे विष्णु
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पिता ने बताया हैरानी वाली बात ये है कि उसी जेल में बंद केरल के कैदियों ने उनके बेटे विष्णु के धर्मांतरण की कोशिशें की थी। उन्हें इस्लाम में अपनाने के लिए भी कहा था। इस केस को लेकर एक मलयाली सामाजिक संगठन नवयुगम का कहना है कि विष्णु देव भाग्यशाली थे कि वे अपनी भारतीय राष्ट्रीयता की वजह से सऊदी अरब की सिर काटने और अन्य तरह की सख्त सजाओं से बच पाए।