Ajab-Gajab: सभी लोग चाहते हैं कि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो आर्थिक परेशानी होने के कारण स्कूल में फीस नहीं दे पाते और इसकी वजह से बच्चों को शिक्षा भी नहीं मिल पाती। लेकिन अगर हम आपसे कहें की एक ऐसा स्कूल है जहां स्कूल फीस के बदले प्लास्टिक लिया जाता है तो क्या आप मानेंगे या थोड़ा आश्चर्यजनक होगा लेकिन आज हम आपको देश के एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें स्कूल फीस में पैसे नहीं बल्कि प्लास्टिक लिया जाता है। असम का यह स्कूल आजकल काफी चर्चा में है।
फीस के बदले लिया जाता है प्लास्टिक
जैसा कि आप जानते हैं कि प्लास्टिक की समस्या दिन पर दिन बढ़ती चली जा रही है सिर्फ भारत में ही प्रतिदिन 26,000 टन का प्लास्टिक कचरा तैयार होता है।ऐसे मे इस समस्या से बचने के लिए असम के एक स्कूल ने बच्चों से फीस में पैसे नहीं बल्कि प्लास्टिक लाने को कहा। यह स्कूल बच्चों से फीस की जगह प्लास्टिक का कचरा लेता और बच्चों को हर हफ्ते लगभग 25 प्लास्टिक की बोतलें स्कूल में जमा करनी होती है। इस स्कूल का नाम अक्षर स्कूल है जो कि असम में स्थित है। दरअसल, इस इलाके में पढ़ाई की कमी थी और गंदगी भी जिसके कारण इस स्कूल की शुरुआत की गई।
Also Read: Strange World: एक अनोखा गांव जहां हर घर में है हवाई जहा, उसी से जाते हैं सब्जी खरीदने
पढाई के अलावा सिखाई जाती है कई कलाएं
आपको को बता दें, इस स्कूल की स्थापना परमिता शर्मा और माजिन मुख्तार द्वारा इस स्कूल सोशल वर्क के दौरान 2016 में की गई थी। ये स्कूल काफी खास है क्योंकि यहां पर बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ स्वरोजगार भी सिखाता है। इसके साथ ही इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के अलावा कार्पेंट्री और गार्डनिंग के साथ-साथ और भी कई कलाएं सिखाई जाती है। स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 100 है वरिष्ठ विद्यार्थी छोटे बच्चों को पढ़ाते हैं और इसके लिए उन्हें पैसे भी दिए जाते हैं।