अगर हम आप से कहे एक शख्स जिसकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी, वह 7 मिनट के बाद दोबारा जिंदा हो गया, तो क्या आप इसे मानेंगे? नहीं ना ? लेकिन आपको बता दें यह सच है जी हाँ इतना ही नहीं यह सब पूरी बातें खुद उस शख्स ने बताई। उन्होंने पूरी दुनिया को बताया कि उन 7 मिनटों में उसके साथ क्या हुआ। जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनकी सांस रुकते ही शरीर में किस तरह की हलचल हुई? उन्हें कहां ले जाया गया? उनके शरीर के साथ क्या हो रहा था और फिर उनके प्राण वापस कैसे आए ? इसस तरह के अनुभवों को ऑफ्टर लाइफ एक्सपीरियंस या नियर डेथ एक्सपीरियंस (NDE) भी कहा जाता है। चलिए जानते हैं यह सब एक बार विस्तार से
7 मिनट तक मै मरा पड़ा रहा
यह शख्स लंदन के रहने वाले है जिनका नाम शिव ग्रेवाल है उन्होंने बताया कि 9 फरवरी 2013 को उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था। उस वक्त वह अपनी पत्नी एलिसन के साथ लंच कर रहे थे। शिव ने कहा, मुझे बस इतना याद है कि मैं गिर पड़ा था और लोग मुझे उठाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया की मेरी पत्नी ने एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। तभी कुछ लोग आए और पैरामेडिक्स सीपीआर देने लगे ताकि मेरी सांसें फिर से लौट आएं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ 7 मिनट तक मैं मृत पड़ा रहा।
मेरा मस्तिष्क नष्ट हो रहा था
उन्होंने बताया कि उन्हें उन्हें कार्डियक अरेस्ट 9 फरवरी 2013 को आया था। शिव ने कहा, मुझे इस बात का एहसास हो रहा था कि मैं मर चुका हूं। मेरा मस्तिष्क नष्ट हो रहा था और मैं मदद के लिए चिल्ला रहा था। कुछ ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे शरीर से कुछ चीजें अलग हो रही हों। मसहूस हो रहा था कि मैं शून्य में हूं।
उन्होंने बताया कि मैंने यह सब महसूस किया। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं यह भी समझ गया था कि मेरा पुनर्जन्म होगा, लेकिन मैं अभी ऐसा नहीं चाहता था। मैं अपनी बीवी के पास लौटना चाहता था। मैंने तेज आवाज में यही मांग की और मुझे मेरी इच्छा के अनुसार फिर से जिंदा कर दिया गया। यह जागते हुए सपना देखने की तरह था।
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मौत के बाद कैसा महसूस हुआ?
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट में पीए रियल लाइफ साइट के हवाले से बताया गया है, शिव ने कहा, ‘मुझे किसी तरह पता चल गया था कि मैं मर चुका हूं. मुझे महसूस हुआ कि चीजें मेरे शरीर से अलग हो गई हैं. ये ऐसा था जैसे मैं शून्य में हूं लेकिन भावनाओं और संवेदनाओं को महसूस कर पा रहा था. मैं शरीर में नहीं था. मुझे लगता है कि यह कुछ-कुछ पानी में तैरने जैसा था, आप भारहीन महसूस करते हैं और फिजिकल (भौतिक) दुनिया से अलग हो जाते हैं. एक समय पर तो मैं चंद्रमा पर यात्रा कर रहा था और उल्कापिंड और संपूर्ण अंतरिक्ष को देख पा रहा था.’
शिव ने कहा कि, ‘मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे संभावनाओं, विभिन्न जीवन और पुनर्जन्मों का एक पूरा सेट मेरे लिए पेश किया जा रहा हो. मैं वो नहीं चाहता था. मैंने साफ कह दिया था कि मैं अपने शरीर में वापस लौटना चाहता हूं, अपने वक्त में, अपनी पत्नी के पास और जीना चाहता हूं.’ बाद में एंबुलेंस उनके घर पहुंची और डॉक्टर उनके दिल की धड़कनों को दोबारा शुरू करने में कामियाब रहे. फिर उनकी सर्जरी की गई. उनका कहना है कि मौत का सामना करने के बाद अब जीवन के प्रति उनकी धारणा में बदलाव आया है.
जब हमारी मौत होती है तो हमारे साथ क्या होता है?
शिव ग्रेवाल रॉयल शेक्सपियर कंपनी से जुड़े एक एक्टर हैं। उन्होंने हाल ही में अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन करते हुए वह सब बताया कि मौत के बाद 7 मिनट तक उनके साथ क्या हुआ, शिव ने कहा, मैं पूरी दुनिया को यह दिखाना चाहता हूं कि जब हमारी मौत होती है तो हमारे साथ क्या होता है।
शिव ने अपने एग्जीबिशन में कहा, ‘मुझे वो सब कुछ याद है, जो तब हुआ था, जब मेरा दिल धड़कना बंद कर चुका था और मैंने इसे कला के जरिए दिखाने की कोशिश की है.’ शिव ने कहा कि वो वैज्ञानिक विचारधारा वाले इंसान हैं. लेकिन इस अनुभव के बाद मौत के बाद के जीवन (आफ्टर लाइफ) को लेकर उनका विश्वास और मजबूत हो गया है.
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मैं मौत से कम डरता हूं- शिव
वो कहते हैं, ‘मैं इसी वजह से मौत से कम डरता हूं, लेकिन साथ ही मैं अधिक भयभीत भी हूं, क्योंकि मुझे एहसास हुआ है कि जीवन में मेरे पास जो कुछ भी है वो सब कितना कीमती है. मैं यहां आने के लिए आभारी हूं. जीवन के प्रति मेरी इच्छा को बढ़ावा मिला है. मैंने हमेशा सोचा है कि मनुष्य के विकास और बेहतरी के लिए उसका दयालु रहना आवश्यक है, लेकिन इस अनुभव के बाद अब मैं इसे अपने अंदर बहुत गहराई से महसूस करता हूं, ये एक मौलिक सत्य की तरह है.’