केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) देश के सभी बैंकों के कामकाजों पर नजर रखती है. जब भी कोई बैंक आरबीआई के नियमों को अनदेखा करते हुए अपनी मनमानी करता है तो केंद्रीय बैंक उसका लाइसेंस रद्द कर देता है.RBI अपने नियमों को लेकर काफी सख्त है, जो भी बैंक इसके नियमों का उल्लंघन करती हैं. उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. हाल हीं में आरबीआई ने एक बैंक के साथ ऐसा किया है. अगर आपका बैंक खाता भी इसी बैंक अकाउंट में है तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. यह बैंक बैंक उत्तर प्रदेश के बिजनौर के नगीना का एक को ऑपरेटिव बैंक (United India Co-operative Bank ) हैं. जिसके कारोबार पर केंद्रीय बैंक ने बैन लगा दिया. साथ ही कमिश्नर और सहकारी रजिस्ट्रार के द्वारा भी बैंक को बंद करने के आदेश जारी किये जा चुके हैं.
United India Co-operative Bank का रद्द हुआ लाइसेंस
आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के अंतर्गत की है. आरबीआई ने अपने बयान में कहा है कि इस बैंक के पास पर्याप्त मात्रा में कमाई का जरिया नहीं है और न ही इस सहकारी बैंक के पास काम जारी रखने के लिए कार्यशील पूंजी है. आरबीआई कि ओर से एक नोटिस जारी किया गया था], जिसमें बताया गया था कि ’19 जुलाई के बाद से यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (United India Co-operative Bank ) की सेवाएं बंद हो गई है. इसके लिए आरबीआई ने 14 जुलाई को ऑर्डर पास किया था. यानी अब बैंक न ही किसी का पैसा जमा कर पाएगा और न ही किसी को भुगतान कर पाएगा.’
5 लाख तक की जमा राशि प्राप्त कर सकेंगे
आरबीआई (RBI) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि लाइसेंस रद्द होने बैंक अब किसी प्रकार का कोई कारोबार नहीं कर पाएगा. आरबीआई ने अपने आदेश में कहा है कि यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को सभी जमाकर्ताओं को उनकी पूंजी वापस करनी होगी. क्रेडिट गारंटी नियम के अंतर्गत पांच लाख रुपये तक राशि वापस करने के दावे किये जा सकते हैं
आपको बता दें बैंकों में जमा प्रत्येक खाताधारक की 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा आईसीजीसी (DICGC) की तरफ से किया जाता है. डीआईसीजीसी की बीमा योजना के तहत कमर्शियल बैंकों, लोकल एरिया बैंक, रीजनल और सहकारी बैंक समेत सभी बैंकों की जमाएं शामिल हैं.
केंद्रीय बैंक ने अपने आदेश में कहा कि बैंक की स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। अगर बैंक को अभी भी उसका काम आगे करने की परमीशन दी गई तो इसका प्रभाव बैंक के खाताधारकों पर पड़ेगा। क्यों कि इस समय बैंक पैसा देने में असमर्थ है। ऐसे में काम जारी रहता है तो सिर्फ बैंक का बोझ बढ़ेगा। इसीलिए यूनाइटेड इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को बंद करने का फैसला बेहतर है.
अब तक 5 सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द
अब तक 5 सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द मौजूदा वित्तीय वर्ष में आरबीआई (RBI) की तरफ से अब तक पांच सहकारी बैंकों का लाइसेंस रद्द किया जा चूका है. आपको बता दे पांचों बैंकों का लाइसेंस इसी महीने जुलाई महीने में ही कैंसिल किया गया है.
केंद्रीय बैंक ने इसी महीने 11 जुलाई को कर्नाटक के तुमकुर स्थित श्री शारदा महिला सहकारी बैंक और महाराष्ट्र में सतारा स्थित हरिहरेश्वर बैंक के खिलाफ कार्रवाई की थी.
इसके अलावा 5 जुलाई से बुलढाणा स्थित मलकापुर शहरी सहकारी बैंक लिमिटेड और बेंगलुरु स्थित सुश्रुति सौहार्द सहकार बैंक नियमित के बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिए गये हैं.
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