Indian Railways: प्रतिदिन करोड़ों की संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हैं। ट्रेन का सफर सबसे सस्ता और आरामदायक माना जाता है। इसीलिए ज्यादातर लोग ट्रेन से सफर करना पसंद करते हैं। ट्रेन में कितनी जल्दी घंटों का सफर निकल जाता है पता हीं नहीं चलता। लोगों कि सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे AC कोचों में चादर, तकिया और तौलिये कि सुविधा प्रदान करता है.
रेलवे को हो रहा भारी नुकसान
रेलवे अपने यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर कई योजनाएं का संचालन करते रहती है. इसी के तहत AC कोचों में बेड रोल देने कि योजना कि शुरुआत कि गयी थी. लेकिन कई लोग इसे चोरी कर अपने घर लेकर चले जाते हैं, जिसके चलते रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
रेलवे बेड रोल के साथ चादरें,तकिये और तौलिये कि सुविधा भी प्रदान करता है. लेकिन रेलवे ट्रेनों में इनकी चोरी होने और समय से पहले कंडम घोषित किए जाने को लेकर रेलवे प्रबंधन काफी परेशान है. जिसे लेकर सीपीआरओ ने यात्रियों से अपील की है।
रेलवे ने यात्रियों से कि अपील
इन चादरों की लगातार हो रही चोरी और यात्रियों के इनके गलत इस्तेमाल से पूर्वोत्तर रेलवे को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सीपीआरओ के अनुसार, तो पिछले 3 महीनों में चोरी कि घटना काफी बढ़ गयी है, सिर्फ इन महीने में ही कुल 5000 चादरें चोरी हुई तो वही 15000 चादरों को कंडम घोषित करते हुए नष्ट कर दिया गया।
रेलवे की तरफ से यात्रियों से अपील की गई है कि आपकी शिकायत पर उसका निस्तारण और गुणवत्ता में सुधार करना हमारी प्राथमिकता है। आप भी हमारा सहयोग करें, ताकि रेल परिवार अपने यात्रियों को अच्छी और गुणवत्ता युक्त सुविधा प्रदान कर सके।
क्यों कंडम घोषित होती हैं चादरें?
आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर ये कंडम होता क्या है और चादरें कंडम घोषित क्यों कि जाती है तो सीपीआरओ ने इस पर बात करते हुए कहा कि कई बार देखा गया है कि यात्रा के दौरान यात्री चादरों पर खाना खाते समय जूठन गिरा देते हैं, जिससे उनपर दाग धब्बे लग जाते हैं जिन्हें लाख कोशिशों के बाद भी साफ नहीं किया जा सकता।
इतना ही नहीं ट्रेन से उतरते समय कुछ यात्री अपना जूता तक इन चादरों से पोछ लेते हैं जिससे चादर खराब हो जाती हैं। जिसकी वजह से रेलवे को इन्हे कंडम घोषित करना पड़ता हैं। क्योंकि ये चादरें इस्तेमाल करने लायक नहीं बचती है.
जूते तक साफ कर लेते हैं यात्री
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि ‘हम लोग लगातार यात्रियों की शिकायतों पर मॉनिटरिंग कर उसका निस्तारण करते हैं। बेडरोल में इस्तेमाल की जाने वाली चादरें गुणवत्ता के साथ जो उच्च कोटि की होती हैं, जो यात्रियों द्वारा कई बार खराब कर दी जाती है जैसे कुछ तो इनपर जूठन गिरा देते है या ऐसी भी पाया गया है कि लोग उनसे अपने जूते तक साफ कर लेते हैं।’
रेलवे की तरफ से यात्रियों से अपील की गई है कि आपकी शिकायत पर उसका निस्तारण और गुणवत्ता में सुधार करना हमारी प्राथमिकता है। आप भी हमारा सहयोग करें, ताकि रेल परिवार अपने यात्रियों को अच्छी और गुणवत्ता युक्त सुविधा प्रदान कर सके।
हो सकती है 5 साल तक कि जेल
रेलवे में सभी चीजों को लेकर सख्त नियम बनाये गये हैं. रेलवे में बेड रोल को रेलवे की प्रोपर्टी मानी जाती है और रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट 1966, ट्रेन से सामान चुराने पर कार्रवाई का प्रावधान है. ऐसे में इस जुर्म के लिए एक साल की सजा हो सकती है और एक हजार रुपये का जुर्माना भी लग सकता है. इसके साथ ही अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है