Bihar: बिहार के शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक हमेशा अपने फैसलों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. अभी फिर से केके पाठक ने राज्य के सभी स्कूलों के लिए नया फरमान जारी किया है. बिहार के स्कूलों में अब मासिक परीक्षा के दिन भी पढाई होगी। केके पाठक के शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि मासिक परीक्षा के दिन प्रथम सत्र में पूरी पढ़ाई होगी। और मासिक परीक्षा भोजनावकाश के बाद अपराह्न दो बजे से होगी। इस मामले को लेकर सभी शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है.
होगी लंच के बाद परीक्षा
शिक्षा विभाग ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि स्कूलों में मासिक परीक्षा के दिन कक्षा में पढ़ाई नहीं हो रही है। जिसे लेकर अब विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले माह से स्कूलों में कक्षा एक से 12 तक में मासिक परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। ऐसी सूचना मिल रही है कि स्कूलों में मात्र दो घंटी परीक्षा होती है. पढ़ाई बिल्कुल नहीं होती दिख रही है. शिक्षक खाली बैठे रहते हैं.. इससे शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निर्धारित घंटे की भरपाई नहीं हो पाती है। इसलिए यह निर्देश दिया जाता है कि पहले सत्र में अन्य दिनों की भांति पढ़ाई होगी। दोपहर 12.40 बजे तक हर हाल में पढ़ाई हो।
Also Read: Bihar: खुशखबरी! बिहार को जल्द ही मिलने वाला है पांच नेशनल हाईवे की सौगात
पहले भी किये जा चुके हैं कई आदेश जारी
इससे पहले केके पाठक ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था की कोई भी कर्मी या अधिकारी अब अगर सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के लिए जाते हैं तो स्कूल में जितने भी कमरे हैं सबकी जांच करें। जिन कमरों में ताला लगा हुआ है, उन्हें खोलकर जांच करें। सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को ये कहा गया है कि सभी कमरे को सुबह 9 बजे से पहले खोल दिया जाए और स्कूल का समय खत्म होने के बाद बंद कर दिया जाए।
साथ ही स्कूलों की साफ – सफाई, शौचालय, क्लासरूम, फर्नीचर, लाईब्रेरी का क्या हाल है। इसकी भी जांच की जाए।हाल ही में शिक्षा विभाग स्कूलों की छुट्टी में की गई कटौती को लेकर भी चर्चा में था। हालांकि बाद में शिक्षकों के दवाब इस फैसले को वापस ले लिया गया था।
शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का दायित्व संभालने के बाद से ही केके पाठक लगातार एक्शन में हैं. उनके कामकाज को लेकर उनके ही विभाग के मंत्री चंद्रशेखर भी सवाल उठा चुके हैं.