Trampled Four people : एक बड़ी घटना सामने आयी है जहाँ एक बिज़नेस मैन अजीत लालवानी ने कुछ दिन पहले नशे में धुत होकर कार से चार लोगों को चिप दिया था, जिसके बाद थाना पुलिस हो गया. मगर थाने से छूटते ही वो दुबई भाग गया. वीजा एक्पायर होने की वजह से वो रि-वीजा मिलने का इंतजार कर रहा था। ये खबर तेज़ी फैलने पर पुलिस कटघरे में आई और जन आंदोलन हो गया।
पुलिस ने अजीत लालवानी के दुबई लौटने पर उसे चेतावनी दे डाली कि अगर वो भारत वापस नहीं आता है तो उसके मकान पर बुलडोज़र चलाया जायेगा। तब ये बात सुनकर अजीत दहशत में आ गया और आखिरकार रविवार को सरेंडर कर दिया। ये पूरा हादसा कैसे हुआ और इस हादसे में किस-किस की जान चली गयी ये बताते हैं आपको ! दरअसल शनिवार की रात नशे में वायएन रोड पर 100 से ज्यादा की स्पीड से कार चलाकर 7 साल के मासूम आद्विक गुप्ता व नमकीन व्यापारी संदीप गुप्ता की जान चली गयी. और अब स्क्रैप कारोबारी अजीत लालवानी ने देर रात सरेंडर कर दिया। पुलिस ने दुर्घटना के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन दुर्घटना की साधारण धारा 304 ए लगाकर रविवार शाम 5 बजे छोड़ दिया गया. छूटते ही लालवानी सीधे मुंबई रवाना हुआ तो परिवार ने भी घर छोड़ दिया।
उन्हें आशंका था कि आक्रोशित जनता कहीं घर पर धावा न बोल दे। बताते हैं कि सारी व्यवस्था करके लालवानी ने दुबई भागने की तैयारी में था, लेकिन उसका वीजा एक्सपायर हो गया। इसको लेकर उसने रि-वीजा का आवेदन भी कर दिया था। इस बीच में एक सूत्र ने दुबई भागने की खबर का खुलासा कर दिया। शाम तक होते होते परिवार के साथ जनप्रतिनिधि और जनता मैदान में आ गई। पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर से मुलाकात कर तुकोगंज पुलिस पर जमकर नाराजगी जाहिर की।
कटघरे में आई तुकोगंज पुलिस ने लालवानी की घेराबंदी की। जब वह लौटने को तैयार नहीं हुआ तो माफिया मुहिम में मकान तोडऩे तक की धमकी दी गई। ये बात परिवार तक पहुंचाई गई। कई चेतावनी भी दी गई जिसके बाद लालवानी ने मुंबई से सीधे इंदौर का रास्ता पकड़ लिया। देर रात को थाने पर पेश हुआ। अब पुलिस ने लालवानी पर धारा 279, 337, 304 ए भादवि और धारा 185 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत केस दर्ज किया। इसको लेकर भी पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
नशे गाड़ी चलाकर लालवानी ने दुर्घटना की जिस पर संदीप व आद्विक की मौत हो गई। पुलिस कमिश्नर से मिलने के बदा परिजनों का कहना है कि धारा 304 ए जो लगाई गई है वह लालवानी को बचाने की नीयत से लगाई गई। उन्हें न्याय मिलना चाहिए। कायदे से धारा 304 लगाई जाना चाहिए। हालांकि पुलिस ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया कि 304 ए को हटाकर 304 में तब्दील किया गया या नहीं? पुलिस की भूमिका को लेकर परिजन संतुष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के इंदौर आने पर मुलाकात कर तुकोगंज पुलिस की भूमिका पर शिकायत भी कर सकते हैं.