Saudi Arab Workers : सऊदी अरब में कुछ कर्मचारियों की स्थिति को लेकर खबर सामने आई है। मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि सऊदी अरब में एमेजॉन के गोदामों में काम करने वाले प्रवासी कर्मचारी “दयनीय” और भयावह परिस्थितियों में हैं. इन श्रमिकों को लगातार नौकरी के दौरान सुरक्षा खतरों और उनकी मेहनत की कमाई की चोरी का सामना करना पड़ता है. एमनेस्टी ने कहा है कि श्रम आपूर्ति कंपनियों ने उन कर्मचारियों पर भारी जुर्माना लगाने की भी धमकी दी है जो अपने नियोक्ताओं के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट की अवधि कम करना चाहते हैं. इस तरह से ये श्रमिक प्रभावी रूप से सऊदी में फंस गए हैं.
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कामगारों के साथ दुर्व्यवहार
एमनेस्टी के स्टीव कॉकबर्न ने कहा, “हमने जिन लोगों से बातचीत की, उनमें से कई को गंभीर दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा जो कि श्रम शोषण के लिए मानव तस्करी के बराबर माना जा सकता है.” कॉकबर्न के मुताबिक एमनेस्टी को संदेह है कि “सैकड़ों और श्रमिकों को इसी तरह के भयावह और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है.” एमनेस्टी ने भर्ती एजेंटों और दो सऊदी श्रम आपूर्ति कंपनियों पर प्रवासी श्रमिकों को धोखा देने का आरोप लगाया है. जिन श्रमिकों ने सोचा था कि उन्हें सीधे काम पर रखा जाएगा उन्होंने भर्ती शुल्क का भुगतान करने के लिए भारी कर्ज लिया था. यह शुल्क एजेंटों ने वसूला था.
एमनेस्टी ने किया खुलासा
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एमनेस्टी ने सऊदी के अधिकारियों से दुर्व्यवहार के मामलों की जांच करने और विदेशी श्रमिकों के लिए स्थितियों में सुधार करने की भी अपील की है. एएफपी ने इस बारे में सऊदी सरकार से भी सवाल पूछे थे लेकिन अब तक उसे जवाब नहीं मिला. एमनेस्टी ने कहा कि रिपोर्ट में नेपाल के 22 पुरुषों के इंटरव्यू शामिल हैं, जिन्होंने 2021 तक सऊदी की राजधानी रियाद या लाल सागर के तटीय शहर जेद्दा में गोदामों में काम किया था.