Dubai Car Accident : दुबई के अल ऐन में एक बड़ा कार हादसा हुआ है. जिसमे पाकिस्तानी कपल की मौके पर ही जान चली गयी और गाडी में सवार उनका 3 साल का बीटा बुते तरीके से ज़ख़्मी हो गया, इलाज चल रहा है. दरअसल ये परिवार एक दिन की यात्रा के बाद अल ऐन से दुबई लौट रहा था और तभी कार चलाते समय पति को नींद आ गई और इतना बड़ा हादसा हो गया.
यूएई में पाकिस्तान के राजदूत फैसल नियाज तिर्मिज़ी ने बताया कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद मृतकों के शवों को पाकिस्तान ले जाया गया है. दूतावास ने कल शवों के प्रत्यावर्तन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र और आउटपास जारी किया। उनके शवों को आज पाकिस्तान ले जाया गया है. पाकिस्तानी डायस्पोरा संयुक्त अरब अमीरात में दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है, जिसकी आबादी 1.7 मिलियन है। सऊदी अरब के बाद अपने देश के बाहर पाकिस्तानी डायस्पोरा का यूएई दूसरा सबसे बड़ा घर है।
दूतावास में वेलफेयर अटैची यहां संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान में मृत दंपति के परिवारों के संपर्क में है। बच्चा अभी मेडिकल चिकित्सा कक्ष में है। एक बार जब वह ठीक हो जाएगा तो हम व्यवस्था करेंगे कि बच्चा भी अपने रिश्तेदारों से मिल सके। बड़ी संख्या में अल ऐन निवासी और युगल के रिश्तेदार उनके शवों को पाकिस्तान वापस भेजे जाने से पहले मृत कपल को सम्मान देने के लिए पहुंचे। राजदूत ने कहा कि जोड़े को आज पाकिस्तान में अंतिम संस्कार के बाद दफनाया गया।
वहीँ अभी कुछ दिन पहले ही दुबई में एक बड़े हादसे के कारण भारतीय को मुआवज़ा दिया गया था। उसका एक्सीडेंट आज से 4 साल पहले हुआ था. चार साल पहले दुबई में एक रोड एक्सीडेंट में भारतीय नागरिक बुरी तरह घायल हो गया था. वह 14 दिन कोमा में रहा और 10 महीने तक उसका इलाज चला. अब इंश्योरेंस कंपनी से 11 करोड़ रुपए का मुआवजा मिला है.
बस ओमान से युनाइटेड अरब अमिरात जा रही थी, तभी दुबई में दुर्घटना का शिकार हो गई. बस में 31 लोग सवार थे. 2019 के इस रोड एक्सीडेंट में 17 लोग मारे गए थे, जिसमें 12 भारतीय थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सीडेंट तब हुआ जब बस के ड्राइवर ने यहां मेट्रो स्टेशन के एंट्री पॉइंट पर एक ऊंचे बैरियर में टक्कर मार दी. बस के तेज रफ्तार की वजह से बस का बायां ऊपरी हिस्सा पूरी तरह नष्ट हो गया था. बस ड्राइवर ओमान का रहने वाला था और एक्सीडेंट केस में स्थानीय कोर्ट ने उसे सात साल की सजा सुनाई थी.
20 वर्षीय मिर्जा बेग छुट्टियों के बाद मस्कत जा रहे थे. वह इतनी बुरी तरह घायल हो गया था कि 10 महीने तक अस्पताल में भर्ती रहा. वह 14 दिनों तक कोमा में भी रहा था. बाद में उसे रिहेब सेंटर में भी रहना पड़ा. रिपोर्ट के मुताबिक वह फाइनल यर की परीक्षा की तैयारी कर रहा था. वह मकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर रहा था. एक्सीडेंट की वजह से उसका डिप्लोमा भी पूरा नहीं हो पाया. उसका ब्रेन 50% तक डैमेज हो चुका था. बताया गया कि अब मुआवजा मिलने से उन्हें बड़ी राहत मिली है.