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BREAKING: सऊदी अरब के प्रिंस अब्दुल रहमान बिन अब्दुल्ला अल सऊद का निधन !

News Desk
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Saudi Prince Abdul Rahman Bin Abdullah : एक बार फिर से सऊदी अरब के शाही परिवार में शोक की लहार छा चुकी है. अभी ख़ुशी के त्यौहार ईद को तीन दिन ही हुए कि रॉयल फॅमिली पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. क्यूंकि सऊदी अरब के प्रिंस अब्दुल रहमान बिन अब्दुल्ला अल सऊद का निधन हो चुका है.

शाही परिवार ने मृतक के लिए माफी और तरक्की की दुआ मांगी है. अवान शाही ने कहा है कि जनाज़े की नमाज़ रियाद के जामिया इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला में अदा की गई है और रियाद में दफ़नाया गया है”। इवान शाही ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. सऊदी शाही परिवार का इस क्षेत्र में नेतृत्व का एक लंबा इतिहास रहा है, और प्रिंस अब्दुलरहमान का निधन देश के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में उनके महत्व की याद दिलाता है।

प्रिंस अब्दुलरहमान बिन अब्दुल्लाह बिन अब्दुलरहमान अल सऊद को देश के विकास में उनके योगदान और उनके परोपकारी कार्यों के लिए जाना जाता था। उनका जाना सऊदी शाही परिवार और पूरे देश के लिए क्षति है। प्रिंस अब्दुलरहमान के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सहित दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। यह राजकुमार के महत्व और सऊदी अरब के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव का एक वसीयतनामा है।

वहीँ साल 2019 में सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद के बड़े भाई प्रिंस बांदर बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद का रविवार को यहां निधन हो गया। वह 96 साल के थे। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार थे। प्रिंस बांदर सऊदी अरब के संस्थापक और देश के पहले बादशाह किंग अब्दुलअजीज के बेटे थे।

शाही अल-सऊद परिवार का हिस्सा होने के बावजूद वह राजनीति में सक्रिय नहीं थे। लेकिन उनके बेटे सऊदी सरकार में अहम पद पर हैं। उनके बेटों में प्रिंस फैजल रियाद के गर्वनर जबकि प्रिंस अब्दुल्ला सऊदी नेशनल गार्ड के प्रमुख हैं। प्रिंस बांदर की मृत्यु ऐसे समय पर हुई है जब किंग सलमान के बेटे और क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। सऊदी शाही परिवार के हजारों सदस्य हैं लेकिन सत्ता केवल कुछ के ही हाथ में है।

गौरतलब है कि प्रिंस बांदर सऊदी अरब के पहले शाह अब्दुलअजीज के 10वें बेटे थे। वह सऊदी अरब पर शासन कर रहे राजपरिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य भी थे। प्रिंस बंदर का जन्म रियाद में 1923 में हुआ था, हालांकि उनके जन्म की तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में सरकार में सिर्फ एक पद लिया था। वह पद था गृह मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल का इसके अलावा उन्होंने कोई पद नहीं लिया था।

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