Indian Expat Stuck In Saudi : भारत के रहने वाले हरचरण सिंह भारत से सऊदी अरब काम करने के लिए गए थे। वहां जाने के बाद वो अब वहां फंस गए है दरअसल जिस कंपनी में वो काम करने गए थे उस कंपनी ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है। साथ ही कंपनी ने हरचरण सिंह से काम कराया और वेतन भी नहीं दिया। इसके बाद उन्हें झूठे केस में जेल में डाल दिया गया है । जिसको लेकर भारत के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उनकी रिहाई की मांग की है। मामला सऊदी अरब के रियाद है। सऊदी अरब के खर्ज रियाद की अल-इस्कान जेल में पंजाब निवासी हरचरण सिंह कैद है। उनकी जल्द से जल्द रिहाई एवं भारत वापसी के मामले को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है। उन्होंने विदेश मंत्रालय से अपील की है कि वह सऊदी अरब सरकार के सामने इस मामले को रखें और उनकी रिहाई के लिए परिस्थितियों को अनुकूल बनाएं।
कम्पनी जबरदस्ती करवा रहा काम
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सऊदी अरब से हरचरण सिंह के मामले में राजप्रीत कौर की ओर से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को एक ई-मेल के माध्यम से अनुरोध किया गया जिसके बाद इकबाल सिंह लालपुरा ने यह कदम उठाया है। आयोग के सलाहकार प्रो. सरचंद सिंह ने अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के हवाले से बताया कि हरचरण सिंह को जुलाई 2019 में 3 साल का वर्क वीजा दिया गया था, जो जुलाई 2022 में समाप्त हो गया। वर्क वीजा खत्म होने के बाद जिस कंपनी में वह काम कर रहे थे, उसने न तो काम की अवधि बढ़ाई और न ही कोई वेतन दिया और बिना वेतन के काम करने के लिए मजबूर किया।
कंपनी ने उनका पासपोर्ट नहीं लौटाया
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उनका कहना है कि कंपनी ने उनका पासपोर्ट भी नहीं लौटाया, जिसकी अवधि 28 नवंबर, 2022 को समाप्त हो चुकी थी। इसलिए हरचरण सिंह ने भारत लौटने की कोशिश की। हालांकि उन्हें 15 दिसंबर, 2022 को सऊदी अरब के सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 3 महीने की कैद हुई और एक सैन्य जेल भेज दिया गया। कैद पूरी होने के बाद 18 मार्च, 2023 को उन्हें रियाद सिटी पुलिस को सौंप दिया गया। शहर की पुलिस ने उनके खिलाफ चोरी का झूठा मामला दर्ज किया और उन्हें अल-इस्कान जेल नंबर 2 खर्ज रियाद, सऊदी अरब भेज दिया, जहां वह अभी भी कैद हैं। वर्तमान में उनकी कंपनी का मालिक धमकी दे रहा है कि या तो वह अपनी कंपनी में बिना वेतन के काम करें या कारावास का सामना करें। कंपनी के मालिक ने मूल पासपोर्ट अभी तक जब्त कर रखा है।