Hajj : हज यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। आपको बता दे की हज के लिए पूरी दुनिया से लाखों की संख्या में जायरीन सऊदी अरब पहुच चुके हैं. सऊदी अरब पहुंचे हज ज़ायरीन ने मिना रवाना होने से पहले मक्का स्थित मस्जिद अल हरम में इबादत की. जायरीनों ने इस्लाम के सबसे मुकद्दस स्थल खाना-ए-काबा का ‘तवाफ’ (परिक्रमा) की. हर साल शुरू होने वाली हज यात्रा इस बार एतिहासिक है। माना जा रहा है कि इस साल तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड भीड़ एतिहासिक है जिसे इससे पहले कभी नहीं देखा गया।
काबा के पास भूतल पर बड़ी संख्या में लोगों के होने की वजह से कुछ लोगों को ऊपरी मंजिलों पर जाना पड़ा और उन्हें ‘तवाफ’ के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ी. हज तीर्थयात्रियों ने ‘तवाफ’ के दौरान दुआएं मांगी. जो भी मुस्लिम समुदाय के होते है वो तो हज से जुड़ी साड़ी बातें जानते है लेकिन जो नॉन – मुस्लिम है उनके मन में हमेशा curiocity रहती है की आखिर हज यात्रा कितने दिन का होता है आया लाखो लोग वहां जाकर करते क्या है . तो चलिए हम बताते है।
628 में पहली बार पैग़ंबर मोहम्मद ने की थी शुरुआत
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इस्लाम में हज यात्रा को बेहद पाक माना जाता है. इस्लाम को मानने वाले हर शख़्स की ख़्वाहिश होती है कि वो अपनी पूरी ज़िंदगी में एक बार ही सही लेकिन हज की यात्रा पर जरूर जाए. वही बता दे की इस्लाम के 5 फर्ज़ हैं और उनमें से एक फर्ज़ हज भी है. बाकी के चार फर्ज़- कलमा, रोज़ा, नमाज़ और ज़कात हैं. हर मुसलमान कोशिश करता है कि अपनी ज़िंदगी में वो इस्लाम के इन पांचों फर्ज़ को जरूर अदा कर करें।
इस्लाम को मानने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल 628 में पहली बार पैग़ंबर मोहम्मद ने अपने 1400 अनुयायियों के साथ एक पवित्र यात्रा शुरू की थी। इस्लाम को मानने वालों के लिए ये पहली तीर्थयात्रा थी. कहा जाता है कि इसी यात्रा के दौरान पैग़ंबर इब्राहिम की इस्लामिक परंपराओं को फिर से स्थापित किया गया और इसी को बाद में हज कहा जाने लगा. हर साल पूरी दुनिया से इस्लाम को मानने वाले लोग सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए पहुंचते हैं. हज की इस पवित्र यात्रा में पुरे 5 दिन लगते हैं. ये यात्रा ईद उल अज़हा यानी बकरीद के साथ पूरी मानी जाती है.
हज यात्रा करने वाले मुसलमानों को पूरा एक प्रोसेस फॉलो करना होता है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सबसे पहले हज यात्री दुनियाभर से सऊदी अरब के जेद्दा शहर में जुटते हैं. इसके बाद वहां से बस के जरिए वो मक्का शहर तक पहुंचते हैं. हालांकि, मक्का से ठीक पहले एक जगह है जहां से हज की आधिकारिक यात्रा शुरू होती है. इस जगह को मीक़ात कहा जाता है. ये जगह मक्का शहर के 8 किलोमीटर के दायरे में है.
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कब से शुरू होती है हज
वहीं बता दे यह इस्लामिक महीने ज़िल-हिज की 8 तारीख़ से शुरू होती है. इसी तारीख़ को ही हाजी मक्का से क़रीब 12 किलोमीटर दूर मीना शहर जाते हैं और पूरी रात हाजी मीना में गुज़ारते हैं. इसके बाद अगली सुबह हाजी अराफ़ात के मैदान पहुंचते हैं. इस अराफ़ात के मैदान में खड़े हो कर हज यात्री अल्लाह को याद करते हैं उनकी इबादत करते है और उनसे अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं. इसके बाद शाम को हाजी सऊदी अरब के मुज़दलफ़ा शहर जाते हैं और पूरी रात वहीं गुजारते हैं. फिर अगली सुबह यात्री वापस से मीना शहर की ओर लौटते हैं.
हज पर जाने वाले सभी यात्री मीक़ात में एक खास तरह का कपड़ा पहनते हैं जो सफ़ेद रंग होता है जिसे अहराम कहा जाता है. लेकिन कुछ लोग यात्रा की शुरुआत से ही अहराम पहने रहते हैं. ये एक खास तरह का सफेद कपड़ा होता है जो सिला हुआ नहीं होता. बता दे मक्का पहुंच कर हर मुसलमान को सबसे पहले उमरा ही करना होता है. दरअसल, उमरा इस्लाम में एक धार्मिक प्रक्रिया है. हालांकि, ये सिर्फ हज के महीने में ही नहीं बल्कि साल भर में कभी भी किया जा सकता है. लेकिन ज्यादातर लोग जो हज करने जाते हैं वो उमरा जरूर करते हैं.