Dubai Heartbroken : बाबूजी हो हमरा के ऐजेंट दुबई में बेच देले बा, हमार जान बचा ल… यह शब्द है भारत से UAE गए हरेंद्र राम की जो शारजाह (दुबई) से ऐप बेस्ड काल पर रोते-बिलखते हुए अपने पिता को कह रहा था। वो अपने पिता से गुहार लगा रहा था की उससे वापस घर बुला लिया जाय लेकिन काल के बीच में ही उसकी आवाज खामोश हो गई। यही नहीं मजदूर युवक का फोन भी स्विच ऑफ हो गया। फोन स्विच ऑफ होते ही परिजन डर गए। जल्दी जल्दी में उन्होंने मोटी रकम लेकर विदेश भेजने वाले दलाल को फ़ोन किया , लेकिन दलाल ने फ़ोन नहीं उठाया। फिर वही हुआ जिससे सुन कर किसी का भी रूह काँप जाए। 29 जुलाई की शाम दुबई से खबर आया कि हरेंद्र अब इस दुनिया में नहीं है। घटना एक सप्ताह पहले 25 जुलाई की है। जब देर शाम को हरेंद्र राम ने फ़ोन किया था। पीड़ित परिवार बक्सर के मुरार थाना क्षेत्र के आमसारी गांव का है।
आई मौत की खबर
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मौत की सूचना मिलते ही यहां युवक के घर में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों को मलाल इस बात का है कि मौत के बाद भी वे अपने बेटे के अंतिम दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इस घटना के बाद आमसारी के अनुसूचित बस्ती में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतक के पिता धनदेव राम और खेवली पंचायत के मुखिया राजीव कुमार उर्फ पिंटू सिंह ने कामगार युवक का शव मंगाने के लिए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है, ताकि जिस परिवार के भरण-पोषण के लिए हरेंद्र विदेश गया था, उस बेटे का अंतिम दर्शन परिजन कर सके।
अधिक सैलरी वाली नौकरी और बेहतर जिंदगी जीने की चाहत में बड़े सपने लेकर सात समंदर पार गए युवक हरेंद्र राम दलालों के चक्कर में फंस गए।कामगार युवक के पिता धनदेव राम ने बताया कि एजेंटों को 66 हजार रुपए देकर पिछले 12 मार्च को शारजाह (दुबई) गए, उस समय एजेंटों द्वारा वहां कारपेंटर के लिए एक हजार प्रतिदिन मिलने की बात कही गई थी, लेकिन वहां जाने के बाद भीषण गर्मी और आग उगलते आसमान के बीच दिन भर मिट्टी कटाई का काम कराया जाता था।
बिखर गया पूरा परिवार
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इसके एवज में हरेंद्र को पांच सौ रुपये मिले, तो उसके होश उड़ गए। कामगार युवक ने यह बात अपने पिता को बताई, तो स्वजन ने विदेश भेजने वाले एजेंटों से बातचीत की, लेकिन वे टाल-मटोल करते रहे। बाद में कामगार युवक को पता चला कि उसे एंप्लॉयमेंट वीजा के बदले इसे टूरिज्म वीजा थमाया गया है और वह कंपनी वालों की मर्जी के बिना स्वदेश नहीं लौट सकता है। वहां फंसे युवक अपने परिवारवालों से लगातार रो-रो कर वापस बुलाने को कहता था ।
अंत में कामगार युवक की वहां मौत कैसे हुई? इसको लेकर स्वजन के मन में शक की सूई घूम रही है। मृतक के पिता ने बताया कि उसका बेटा बड़े अरमान लेकर महज 28 वर्ष की उम्र में सात समंदर पार गया था, लेकिन उसकी मौत के साथ सारे सपने चूर-चूर हो गए। यहां मृतक युवक के परिजन की आंख की आंसू नहीं सूख रहे हैं। बेहतर जिंदगी जीने की चाहत और भरण-पोषण के लिए सात समंदर पार गए कामगार युवक हरेंद्र की मौत के बाद घरवालों पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। विदेश में पति की मौत की सूचना पाकर पत्नी चंदा देवी बदहवास है, तो माता-पिता और भाइयों के आंख के आंसू नहीं सूख रहे हैं, वहीं तीन साल का पुत्र भोला और पुत्री काजल कोने में बैठकर रो रहे है । मृतक की पत्नी गर्भवती भी हैं। इस घटना ने पुरे परिवार को तोड़ दिया।