RBI: RBI ने हाल हीं में नया आकड़ा जारी किया जिसके अनुसार इस साल 13 हज़ार बैंक अकाउंट से पैसे गायब हुए है. बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी का सिलसिला वर्षों से जारी है. इसके मामले कम होने के बजाय बढ़ते ही जा रहें हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में इस तरह के धोखाधड़ी के 13,530 मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जबकि इसमें शामिल रकम अब लगभग आधी होकर 30,252 करोड़ रुपये हो गई है.
आरबीआई द्वारा जारी किये गये वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 में कहा गया है कि सबसे ज्यादा फ्रॉड डिजिटल पेमेंट के माध्यम से हुआ है. कार्ड/इंटरनेट) श्रेणी में सबसे अधिक मामलों की रिपोर्ट किये गये हैं. हालांकि, मूल्य के संदर्भ में मुख्य रूप से ऋण पोर्टफोलियो (अग्रिम श्रेणी) में धोखाधड़ी की सूचना मिली है.
कितने मामले आए सामने?
आपको बता दे 2021-22 में धोखाधड़ी के कुल 9,097 मामले सामने आए थे. इसमें कुल 59,819 करोड़ रुपये शामिल थे. वहीं 2020-21 में धोखाधड़ी के 7,338 मामले आए थे, जिसमें 1,32,389 करोड़ रुपये शामिल थे. धोकेबाज़ नई-नई तरीकों से लोगों को ठगते ही रहते हैं.
एक लाख से उपर के सेगमेंट में घटे मामले
आरबीआई के डेटा में तीन सालों के दौरान रिपोर्ट की गई 1 लाख रुपये और उससे अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में 2020-21 की तुलना में 2021-22 के दौरान कुल धोखाधड़ी में शामिल रकम में 55 फीसदी की गिरावट दर्ज कि गयी है. आरबीआई ने कहा है कि प्राइवेट सेक्टर के बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी में छोटे मूल्य जैसे कि कार्ड/इंटरनेट आदि से धोखाधड़ी के ज्यादा मामले सामने आये हैं. वहीँ पब्लिक सेक्टर के बैंकों में लोन से संबंधित फ्रॉड के मामले ज्यादा हैं.
2022-23 के दौरान, पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने 21,125 करोड़ रुपये से जुड़े 3,405 धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दी है। निजी बैंकों ने 8,727 करोड़ रुपये के 8,932 मामले रिपोर्ट किए हैं. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार कुल 30,252 करोड़ रुपये में से 95 फीसदी या 28,792 करोड़ रुपये लोन से जुड़े मामले सामने आए हैं. आरबीआई ने कहा कि वह बैंकिंग क्षेत्र में हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएगा.