Cheque: देश में लाखों लोग पैसों के लेन-देन के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं। चेक बैंकिंग भुगतान का प्रचलित माध्यम बन चुका है. हालांकि, चेक से पेमेंट करते समय कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है. नहीं तो आप कई झंझटों में पड़ सकते हैं। देखा जाता है अधिकतर समय लोग चेक और उनके द्वारा पेमेंट के तरीकों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. इसीलिए चेक से जुड़े नियमों और चेक के प्रकार के बारे में जानकारी होना जरूरी है।
क्या आपने कभी स्टेल और पोस्ट डेटेड चेक के बारे में कभी सुना या पढ़ा है. अधिकतर समय लोगों में इन दोनों चेक के बीच के अंतर को लेकर ही कंफ्यूजन रहता है. आज हम इसी के बारे में बारे में बात करेंगे जिसके बाद आपका सारा कंफ्यूजन दूर हो जाएगा और भविष्य में चेक से जुड़ी समस्याओं को समझना आपके लिए सरल हो जाएगा।
Post Dated Cheque
पोस्ट डेटेड एक ऐसा चेक है जिसे भविष्य की तारीख के लिए जारी किया जाता है. पोस्ट डेटेड चेक कुछ दिन बाद की तारीख के लिए रखा जाता है. यह क्रॉस्ड पेई या अकाउंट पेई चेक होता है चेक कोई भी हो उस पर जो तारीख दर्ज है उस तारीख से लेकर लेकर अगले 3 माह तक वह मान्य रहता है.
इस तरह के चेक ऑप्शन आपके लिए तब बेहतर होते हैं जब आप जानते हैं कि भविष्य में आपके पास किसी विशेष तारीख तक पैसा आ जाएगा. लेकिन चेक इश्यू के समय फंड मौजूद नहीं है. भारत में पोस्ट डेटेड चेक की अवधि 3 माह तक की है. इसी तरह हर देश के नियम इन्हें लेकर अलग होते हैं.
Stale Cheque
ऐसे चेक जिनका उपयोग जारी किए जाने के 3 माह के बाद तक नहीं किया गया उन्हें स्टेल चेक कहा जाता है. यानि कि एक्सपायर चेक स्टेल चेक कहे जाते हैं. ऐसे चेक आप बैंक में सबमिट नहीं कर सकते. अगर आप कर भी देते हैं तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमानुसार इन्हें रिजेक्ट कर दिया जाता है.
सरल शब्दों में जब कोई व्यक्ति चेक की अवधि समाप्त होने के बाद उसे भुगतान के लिए बैंक को सौंपता है, तो बैंक उसका भुगतान नहीं करता है. एक्सपायर हो चुके चेक को ही स्टेल चेक कहते हैं.
Ante-dated Cheque
ऐंट डेटेड चेक, जिसे गुजर चुकी तारीख में जारी किया जाता है. अगर ऐसे चेक की वैलिडटी 3 माह की बची हुई हो तो बैंक में इसे भुगतान के लिए दिया जा सकता है. याद रखें ऐंट डेटेड चेक इतनी पुरानी तारीख में न जारी हो कि वैलिड ही नहीं रहे, क्योंकि चेक इश्यू होने के बाद सामान्यतः 3 महीने तक के लिए वैलिड होते हैं.