Toll Tax: भारत में एक्सप्रेस-वे बनने से इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी सुधार हुआ है, ऐसे में लोगों का जीवन भी काफी आरामदायक हुआ है लोग सफर काफी आसानी से कर पा रहे हैं। इससे उन्हें देश के अन्य शहरों और जिलों तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलती है। एक्सप्रेस-वे बनने से लोगो को रोजगार के अवसर भी बढ़ते हुए दिखे हैं। भारत में बने एक्सप्रेस-वे ने लोगों का सफर पहले से ज्यादा आसान और किफायती बना दिया है। एक्सप्रेस बनने से लोग हजारों किलो मीटर के सफर को अब चंद घंटों में पूरा कर पा रहे हैं।
इस एक्सप्रेस-वे से न केवल यात्रा आसान बन रहे हैं, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी किफायती बना रहे हैं। बता दें, इनमें कुछ ऐसे एक्सप्रेस-वे है जो अभी नए बने हैं, तो कुछ थोड़े समय पहले बनाए और शुरू हुए हैं। हालांकि, बहुत से प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे के टोल टैक्स की कीमत सभी को नहीं पता होंगी। कई ऐसे एक्सप्रेस-वे है जिसके लिए टोल टैक्स देने होते है, लेकिन कुछ एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स नहीं देना पड़ता है।
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे (Mumbai-Nagpur Expressway)
इसकी लम्बाई 701 किमी है और यह छह लेन का एक्सप्रेसवे है। मुंबई का यह एक्सप्रेस-वे हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग (Maharashtra Samruddhi Mahamarg) के नाम से भी फेमस है। यह एकसप्रेस वे महाराष्ट्र के 390 गांवों तथा दस जिलों से होकर गुजरता है। यहाँ कार, जीप से जाने पर 1,212, हल्के माल वाहन, मिनीबस से जाने पर 1,955, बस, ट्रक से 4,100, तीन एक्सल वाहन- 3 एक्सल वाला ट्रक: 4,472, भारी निर्माण मशीनरी: 6,435, बड़े वाहन: 7,830 टोल लगते हैं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway)
यह 1,250 किमी लंबा एक्सेस-वे है। इससे आप दिल्ली से मुंबई का सफर आसानी से और कम समय में तय कर सकते है। भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे की लंबाई 1,386 किमी है। टोल टैक्स की बात करें तो हल्के वाहन (कार) वाहनों को 500,वाणिज्यिक वाहन: 805 और भारी वाहन (बसें और ट्रक): 1680 टोल देने होंगे।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway)
यह एक्सप्रेस-वे 343 किमी लंबा है, यह इसकप्रेसवे लखनऊ को पूर्वी उत्तर प्रदेश में गाजीपुर से जोड़ता है। विशेष रूप से यह एक्सप्रेस वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने जा रहा है। यहाँ कार, जीप, वैन और अन्य हल्के वाहन: 675, हल्के वाणिज्यिक वाहन, मिनी बस को 1,065, बस, ट्रक: 2,145, मल्टी-एक्सल वाहन (एमएवी) (3 से 6 एक्सेल), भारी निर्माण मशीनरी, जियो-मूविंग उपकरण: 3,285, 7 या अधिक एक्सेल वाले वाहन: 4,185 टोल देने पड़ेंगे।