TATA IPO: टाटा संस (Tata Sons) की शेयर मार्केट को लेकर एक बड़ी खबर है आपको बता दें देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) की शेयर मार्केट में लिस्टिंग हो सकती है। अपर लेयर एनबीएफसी (NBFC) के रूप में आरबीआई (RBI) ने टाटा संस को क्लासिफाई किया है। इस लिस्ट में जो कंपनियां शामिल होती हैं उनके लिए व्यापक रेगुलेटरी कंपलायंसेज की जरूरत होती है। इसके लिए टाटा संस को सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्ट होना होगा।
ऐसे में यदि कंपनी लिस्ट होगी तो इससे उससे निवेशकों को काफी फायदा पहुंचेगा। टाटा संस की अनुमानित वैल्यू की बात करें तो वह है करीब 11 लाख करोड़ रुपये। ऐसे में यदि इस तरह कंपनी में पांच परसेंट हिस्सेदारी की वैल्यू की बात करें तो वह करीब 55,000 करोड़ रुपये होगी। यानी अगर कंपनी आईपीओ लाने का फैसला करती है तो यह देश का सबसे बड़ा इश्यू होगा। एलआईसी के पास अब तक यह रेकॉर्ड है जो पिछले साल 21,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाई थी। टाटा संस में टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) की 66% और शापूरजी पलौंजी ग्रुप की इसमें 18.4% हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की दूसरी कंपनियों और दूसरे शेयरहोल्डर्स के पास है।
15 एनबीएफसी की लिस्ट जारी
आरबीआई ने गुरुवार को अपर कैटगरी में शामिल 15 एनबीएफसी की लिस्ट जारी की है। इस 15 एनबीएफसी की लिस्ट में टाटा संस भी शामिल है। आरबीआई के एनबीएफसी टैग से बचने के लिए कंपनी दूसरे विकल्पों पर विचार कर सकती है। फिलहाल इसको लेकर टाटा संस ने टिप्पणी करने से इन्कार किया। साथ ही टाटा ट्स्ट्स के प्रमुख और टाटा संस के चेयरमैन एमिरेटस रतन टाटा ने भी ईमेल का जवाब नहीं दिया।
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सख्त नियमों का करना होगा पालन
आरबीआई के मुताबिक जो भी अपर लेयर लिस्ट में शामिल एनबीएफसी होंगे उनको सख्त नियमों का पालन करना होगा। इनमें नोटिफाई होने की तीन साल के भीतर लिस्टिंग भी शामिल है। यह लिस्ट आरबीआई ने पिछले साल सितंबर में पहली बार जारी की थी। उसके बाद टाटा संस ने आरबीआई से छूट पाने की संभावनाओं को टटोला था। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन हैं।
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कंपनी का पुनर्गठन भी शामिल
एक एनालिस्ट ने कहा कि अगर टाटा संस के शेयरों को आईपीओ के जरिए लिक्विड करेंसी में बदला जाएगा लेकिन वैल्यूएशन के फ्रंट पर पेच फंसेगा। इसकी वजह यह है कि अमूमन इन्वेस्टर्स होल्डिंग कंपनीज में डिस्काउंट अप्लाई करते हैं। हालांकि आरबीआई के नोटिफिकेशन जो भी टाटा संस के पास हैं उनके शर्तों को पूरा करने के लिए टाइम है लेकिन सूत्रों का कहना है कि आरबीआई द्वारा इस नियमों से बचने के लिए कंपनी दूसरे विकल्पों को टटोल सकती है। इसमें कंपनी का पुनर्गठन भी शामिल है।
तैयार करना होगा रोड मैप
आरबीआई के नियमों के मुताबिक अपर लेयर एनबीएफसी को नोटिफिकेशन की तारीख के तीन महीने के भीतर अपने रेगुलेशंस के बारे में बोर्ड से अप्रूव एक रोड मैप तैयार करना होगा। यह साफ नहीं है कि टाटा संस के बोर्ड ने एक तरह को कोई प्लान बनाया है या नहीं।