RBI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. आरबीआई के अनुसार, अब निष्क्रिय और इनऑपरेटिव अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस न होने पर भी खाते से कोई चार्ज नहीं काटा जाएगा. भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बैंकों से कहा की, जो अकाउंट निष्क्रिय हैं, जिनमें दो साल से अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ है, उन पर न्यूनतम शेष राशि नहीं रखने पर जुर्माना नहीं लगा सकते। उसके साथ यह भी कहा की बैंक छात्रवृत्ति राशि या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर पाने के लिए बनाए गए खाते को निष्क्रिय के रूप में वर्गीकृत नहीं कर सकते हैं, भले ही उन खाते का उपयोग दो सालों से अधिक समय तक न किया गया हो।
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बैंकों को ग्राहकों को देनी होगी सूचना
मिली जानकारी के अनुसार, बैंकों के लिए जारी किया गया निर्देश निष्क्रिय अकाउंट्स पर आरबीआई के नए सर्कुलर का एक पार्ट है और साथ ही यह लावारिस बैंक जमा के लेवल को कम करने के इनके प्रयासों का भी हिस्सा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, नये नियम 1 अप्रैल से लागू हो गए हैं। नये नियमों तहत बैंकों को ग्राहकों को उनके खातों के निष्क्रिय होने की सूचना एसएमएस, लेटर या ईमेल के माध्यम से देनी होगी। आरबीआई ने यह भी कहा की अगर किसी निष्क्रिय अकाउंट होल्डर कोई रिस्पांस नहीं करता है तो बैंकों को उस व्यक्ति से कांटैक्ट करना चाहिए जिसने खाताधारक या खाताधारक के नामांकित व्यक्तियों का परिचय कराया था।
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निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए कोई चार्ज नहीं
नियमों के अनुसार बैंकों को निष्क्रिय खाते के रूप में तय किए गए किसी भी अकाउंट में मिनिमन बैलेंस मेंटेंन न करने पर दंडात्मक शुल्क लगाने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा इनएक्टिव अकाउंट को एक्टिवेट करने के लिए कोई चार्ज नहीं लगाया जाएगा। RBI ने बताया कि, मार्च 2023 के आखिर तक लावारिस जमा 28% बढ़कर 42,272 करोड़ रुपये हो गई, यह एक साल पहले 32,934 करोड़ रुपये थी।