गुलाम रसूल बलियावी के सेना में 30 प्रतिशत मुस्लिम को शामिल करने बयान पर बढ़ा विवाद

Politics – गुलाम रसूल बलियावी के फौज वाले बयान को लेकर ऐसा लग रहा है की उन्होंने अपने पेअर पर कुल्हाड़ी मार ली है। इस ब्यान को लेकर JDU में काफी नाराजगी है। बलियावी तो अपने बयान पर कायम हैं, लेकिन पार्टी ने उनका साथ छोड़ दिया है। जदयू के नेता अब उनके बयान से अपने आपको अलग करने लगे हैं। दो प्रवक्ताओं ने आज साफ कह दिया है कि पार्टी उनके बयान का समर्थन नहीं करती है। इधर मुजफ्फरपुर में CM नीतीश कुमार ने भी कहा है कि लोग जो चाहते हैं बोलते रहते हैं। हम उनसे मिलेंगे और पूछेंगे।

जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि सेना पर हमें गर्व है, धर्म के आधार पर सैन्य पुरुषार्थ पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। एक अन्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि बलियावी ने किस कैपेसिटी में ऐसे बयान दिए हैं यह समझ से परे है। पार्टी ऐसे बयानों से इत्तेफाक नहीं रखती है।

क्या था विवादित ब्यान

इससे पहले बलियावी ने रविवार को कहा था कि प्रधानमंत्री को अगर पाकिस्तान से डर लगता है तो वो 30 प्रतिशत मुसलमानों को फौज में भर्ती करें। हम जवाब दे देंगे। विवाद बढ़ने पर उन्होंने आज फिर उन्होंने कहा है कि मेरा सीधा सवाल सरकार से है। माने-मतलब जिसको जो निकालना है निकालें।

गुलाम रसूल बलियावी ने आज कहा है कि लोगों को मेरे हर अच्छे काम पर कुछ ना कुछ ऐब निकालने की आदत है और बलियावी ने अपने सेना के जज्बे का, सेना के सम्मान का, कहीं से कोई अपमान नहीं किया। मैंने तो प्रधानमंत्री से और सत्ता में बने लोगों से सवाल किया है। उनसे सवाल किया है जो आज की डेट में अदानी जी का नाम भी लेने से डर रहे हैं। मेरा सवाल उनसे है जो आज की डेट में चाइना का नाम लेने से भय खाते है, मेरा सवाल उनसे है।

उन्होंने आगे कहा कि अब उनके लोग अपने हर जुर्म पर पर्दा डालने के लिए सेना का सहारा लेते हैं। यह भगोड़े लोग हैं। जो सेना की वर्दी में अपना चेहरा छुपाना चाहते हैं। सेना का अपमान तो उन्होंने किया है। सेना के जवानों के वर्दी का फोटो लगाकर शहादत और बलिदान के नाम से वोट लिया। जिस पर सेना के वीर जवानों ने आपत्ति जताई थी। मेरा सवाल सीधा से सरकार से है। माने-मतलब जिसको जो निकालना है निकालें।

JDU ने ब्यान से किया किनारा

वही आपको बता दे की JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मामले पर आधिकारिक बयान दिया है और कहा है की कहा है कि इतिहास गवाह है देश के सैन्य पुरुषार्थ पर धर्म और जाति के आधार पर विभाजनकारी रेखा कतई मंजूर नहीं है।इसके साथ ही DU प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि सेना के शौर्य और पराक्रम पर सवाल उठाने का अधिकार किसी को भी नहीं है। ऐसे मुद्दे राजनीति के लिए नहीं होते हैं।पार्टी ऐसे बयानों से इत्तेफाक नहीं रखती है।

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