UAE – UAE के निवासियों के पास ईद अल अधा के लिए अगले महीने साल का सबसे लंबा ब्रेक होगा, जो छह दिनों से अधिक का होगा। ईद अल अधा के अवसर पर सरकार ने चार दिन की छुट्टी की घोषणा की है। इसमें अरफा का एक दिन और उसके बाद ईद के तीन दिन शामिल हैं। वही आपको बता दे की या ब्रेक अप्रैल में ईद अल फितर के बाद साल का दूसरा लंबा ब्रेक होगा। खगोलीय गणना के आधार पर, संयुक्त अरब अमीरात में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने, जो कि चंद्र प्रणाली पर आधारित है और 29 या 30 दिनों का होता है, उसके अनुसार ज़ूल हिज्जा की 9वीं से 12वीं तक की छुट्टियों का आनंद लेंगे।
9 या 10 दिन की छुट्टी में बदल सकते है अपना ब्रेक
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ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, जो दुनिया में सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, ईद अल अधा मंगलवार, 27 जून से रविवार, 2 जुलाई तक मनाया जाएगा। लेकिन संयुक्त अरब अमीरात के निवासी इस छह दिन के ब्रेक को 9 या 10 दिन की छुट्टी में बदल सकते हैं, अगर वे सोमवार, 26 जून को एक दिन की छुट्टी के लिए आवेदन करते हैं, बशर्ते कि उनकी कंपनियां भी इसे मंजूरी दें। इन गणनाओं के आधार पर, संयुक्त अरब अमीरात में कर्मचारी शनिवार, 24 जून रविवार से 2 जुलाई तक 9 दिनों के अवकाश का आनंद ले सकते हैं। दूसरी ओर, शारजाह सरकार में काम करने वाले लोगों को 10 दिन का ब्रेक मिल सकता है, क्योंकि अमीरात में चार दिन का कार्य सप्ताह होता है। चूंकि इस्लामिक कैलेंडर एक चंद्र प्रणाली पर आधारित है, जून में ज़ुल हिज्जा चाँद देखे जाने के बाद पुष्टि की गई तारीखों की घोषणा की जाएगी।
कब होता है हज यात्रा
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आईये अब जान लेते हैं थोड़ा ईद-उल-अधा के बारे में ! ये दिन इस्लामिक कैलेंडर के अंतिम यानी बारहवें) महीने के दसवें दिन पड़ता है; धू-अल-हिज्जाह । हज की वार्षिक पवित्र तीर्थयात्रा के पूरा होने के बाद, जिस दिन उत्सव मनाया जाता है. वहीँ इस बार सरकार ने ‘कैशलेस हज’ (Cashless Hajj) पर जोर देने का फैसला किया है. हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा के उपयोग के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा एक कार्ड मुहैया कराया जाएगा. पहले की व्यवस्था के तहत हजयात्रियों को 2100 सऊदी रियाल (करीब 45 हजार रुपये) भारतीय हज समिति के पास जमा कराने होते थे जो उन्हें सऊदी अरब के मक्का और मदीना में खर्च करने के लिए उपलब्ध कराए जाते थे. बता दें कि इस्लाम धर्म मानने वालों का सऊदी अरब स्थित मक्का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है और यहां सभी मुस्लिम जाना चाहते हैं. हर वर्ष लाखों की संख्या में यहां मुसलमान पहुंचते हैं.