Dubai fraud : 10 महीने बाद आखिरकार रविवार रात को अपने घर लौट आई है गुरप्रीत कौर जो एक एजेंट की वजह से दुबई में फंस गई थी। आपको बता दे इस मामले में कहा जा रहा है की गुरप्रीत कौर दुबई में बंधक बनाकर रखा गया था जहां से वो किसी तरह भाग निकलने में सफल रही है। जिसके बाद उन्होंने कुछ जान – पहचान वालों से मदद मांगी और कड़ी मस्सकत के 10 महीने बाद आखिरकार वो अपने वतन भारत लौट आई है। अब वो न्याय की गुहार भी लगा रही है। मामला पंजाब के गोराया कस्बे के गांव गुड़ा है जहां की पीड़ित महिला गुरप्रीत कौर निवासी है। महिला के पति का नाम शिंदरपाल है ।
सरकार ने नहीं की मदद
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आपको बता दे मामले को लेकर भारतीय जनमानस पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बलवंत सिंह शाही ने बताया कि कई महीनों की कोशिश के बावजूद गुरप्रीत कौर की वापसी में सरकार से किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिला। शाही ने बताया कि गुरप्रीत कौर को जहां बंधक बना कर रखा गया था वहां से वह किसी तरह भागने में सफल रही। इसके बाद उन्होंने काफी प्रयत्न करके दुबई के कुछ जानकारों को गुरप्रीत कौर की व्यथा बताई। शाही की कोशिशों से उन लोगों ने 14 मई को गुरप्रीत कौर का आऊट पास बनवा कर अमृतसर की फ्लाइट दिला कर उसे भारत भेजा है।
आर्थिक तंगी का शिकार परिवार
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शाही ने बताया कि गुरप्रीत अभी काफी सदमे में है और सरकार की बेरुखी तथा पुलिस द्वारा एजैंट के विरुद्ध कोई कार्रवाई न करने को लेकर भी वह काफी निराश है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग कर कहा कि गुरप्रीत कौर को होम मेड का काम दिलाने के बहाने दुबई में बेचने वाले एजैंट के विरुद्ध शाहकोट पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए। गुरप्रीत कौर के पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि एजैंट ने उनसे 1.17 लाख रुपए दुबई भेजने के लिए थे और गुरप्रीत कौर को वापस भारत लाने में भी उनके 70/80 हजार रुपए खर्च हुए हैं। उनका परिवार बहुत आर्थिक तंगी का शिकार है इसलिए भगवंत मान सरकार उनकी आर्थिक मदद की मांग की है जिससे गुरप्रीत के बच्चों की परवरिश में उन्हें सहारा मिलेगा।