DUBAI: दुबई में आप रह सकते है यानी यूँ कहें तो आप वहां बस सकते है इसके लिए आपको गोल्डन वीसा लेना होगा। यहां के फेमस “गोल्डन वीजा” (Golden Visa) के नियमों में भी कई बदलाव किए गए हैं. पहले गोल्डन वीजा उन्हीं लोगों को दिया जाता था, जो दुबई में 1 करोड़ दिरहम (22 करोड़ 69 लाख रुपए) का इन्वेस्ट करते थे फिर 2019 में इसे घटा कर 50 लाख दिरहम (11 करोड़ 34 लाख रुपए) कर दिया गया. लेकिन हाल ही में सरकार ने “गोल्डन वीजा” (Golden Visa) जारी करने के लिए नियमों में काफी बदलाव किया है. क्या है नया नियम और क्या “गोल्डन वीजा” (Golden Visa) के फायदे, चलिए जानते हैं विस्तार में.
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‘गोल्डन वीजा’ के नियमों में बदलाव
दुबई के ‘गोल्डन वीजा’ के लिए सरकार ने नियमों में कई बदलाव किए हैं. पहले लोगों को 1 करोड़ दिरहम से लेकर 50 लाख दिरहम तक लेकिन अब 20 लाख दिरहम यानी 4 करोड़ 53 लाख रुपए की राशि इन्वेस्ट करनी होती है. इसके लिए आपको इन्वेस्टमेंट का प्रमाणपत्र जमा कराना होगा. अगर 20 लाख दिरहम नहीं जमा करते हैं तो आपके किसी कमर्शियल इंडस्ट्री का वैध व्यापार लाइसेंस होना चाहिए.
अगर आप एक बार में 20 लाख दिरहम नहीं इनवेस्ट करते हैं तो यूएई के फेडरल टैक्स अथॉरिटी से एक लेटर जारी करवाना होगा जिसमें यह लिखा होगा कि, ‘आप सरकार को सालाना 2 लाख 50 हजार दिरहम’ से कम की राशि भुगतान नहीं करेंगे, आसान भाषा में कहें तो कुल निवेशित की जाने वाली राशि 20 लाख दिरहम का 10% भी कम आपको सलाना जमा करवाना होगा.
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सबको नहीं दी जाती है
गोल्डन वीसा हर किसी को नहीं दी जाती है। संयुक्त अरब अमीरात अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए टॉप विदेशी टैलेंट्स को आकर्षित करने के लिए लॉन्ग टर्म के वीजा लेकर आया, जिसे “गोल्डन वीजा” के नाम से जाना जाता है. ये वीजा यूएई की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद करने वाले टॉप इंवेस्टर्स, व्यवसायी, रिसर्चर्स, मेडिकल प्रोफेशनल और साइंस एंड नॉलेज फील्ड वालों को दिया जाता है.