भाड़ी बारिश के बीच काबा की परिक्रमा करते दिखे उमरा जायरीन

Saudi Arab – मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान (Ramdan) के पवित्र महीने में उमरा (Umrah) करने के लिए सऊदी अरब के मक्का मदीना में जाते है. इस दौरान सऊदी के मक्का में लाखों तीर्थयात्रियों की भीड़ मौजूद होती है. इसी बीच सोमवार को सऊदी (Saudi) के मक्का (Mecca) में उमरा करने वाले तीर्थयात्रियों ने एक आध्यात्मिक क्षण का अनुभव किया. सऊदी अरब में सोमवार को मक्का में उमरा करने के दौरान बारिश शुरू हो गई. इससे जुड़ा एक वीडियो मक्का के एक आधिकारिक ट्विटर पेज से शेयर किया गया है. वीडियो में तीर्थयात्रियों को तवाफ़ (चक्कर लगाते हुए) देखा जा सकता है.सभी उमरा जायरीन काबा की परिक्रमा करते हैं. सऊदी के मक्का में भारी बारिश के दौरान भी उमरा जायरीन काबा की परिक्रमा करते हैं, जबकि अन्य लोग बारिश में खड़े होकर काबा के सामने प्रार्थना करते हैं. सुरक्षा और आपातकालीन एजेंसियां ऐसे समय पर मुस्तैद हो जाती हैं ताकि खराब मौसम के कारण कोई घटना न हो.

रमजान का पवित्र महीना 23 मार्च से शुरू

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आपको बता दें कि मुस्लिम समुदाय में रमजान एक बेहद ही पवित्र महीना माना जाता है. इस दौरान हजारों मुसलमान उमरा करने के लिए मक्का जाते हैं. इस साल रमजान का पवित्र महीना 23 मार्च से शुरू हुआ और 21 अप्रैल को समाप्त होगा. रमजान का महीना पूरे 30 दिनों का होता है. इसके बाद मुस्लिम धर्म के लोग चांद का दीदार करने के बाद ईद की त्योहार को सेलिब्रेट करते है. इस दौरान सऊदी अरब की सरकार भी बेहद ही कड़े इंतजाम करते है. दुनियाभर से मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग रमजान के पवित्र महीने में मक्का का दौरा करते है.

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क्या है उमरा ?

आपको बता दे की उमरा स्वैच्छिक और सुन्नत होता है है उमरा मुसलमामनों को ईमान ताजा करने और खुदा से गुनाहों की माफी तलब का मौका होता है. कहा जाता है कि उमराह करनेवाला गुनाहों से पाक हो जाता है. सऊदी अरब से बाहर के यात्रियों को स्पेशल उमराह वीजा की जरूरत होती है. ये वीजा एक महीने तक मान्य रहता है. सऊदी अरब और आसपास रहनेवाले लोग बिना किसी खास दस्तावेज के उमराह कर सकते हैं.उमराह करनेवाले यात्रियों को एहराम की हालत में होना चाहिए. एहराम हज औऱ उमराह का एक खास लिबास होता है. एहराम बांधने के साथ ही लड़ाई-झगड़ा, गाली और अपशब्दों का इस्तेमाल हराम हो जाता है. यहां तक कि किसी जानवर को भी नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता. तीर्थ यात्रियों को नाखून, दाढ़ी, बाल कटाने की इजाजत भी नहीं होती.

 

 

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