Saudi – Israel; इजराइल और फिलिस्तीन युद्ध किसी की गले की हड्डी बनी है तो वह है सऊदी की। सऊदी अर्ब इस्लाम का संरक्षक माना जाता है तो यही वजह है की फिलिस्तीन के अमन के लिए दुनिया भर के मुसलमान सऊदी की तरफ टकटकी लगा कर देख रहे है। ख़ुशी की बात है की सऊदी भी इन मुसलमानो की उम्मीद पर खड़ा उतर रहा है। सऊदी अरब ने इजराइल को फिर अपनी ताकत दिखाई है. उसने बेंजामिन नेतन्याहू के देश को चेतावनी दी है कि जब तक फिलिस्तीन स्वतंत्र राज्य नहीं बन जाता, तब तक सऊदी और इजराइल के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं होंगे. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रियाद फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए दृढ़ है।
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सऊदी अरब फिलिस्तीनी मुद्दे पर दृढ़
2002 की अरब शांति पहल के बाद से सऊदी अरब फिलिस्तीनी मुद्दे पर दृढ़ रहा है. सऊदी अरब पहले अमेरिका के साथ रक्षा समझौते के बदले में इजराइल के साथ एक समझौते पर सहमत हुआ था जो राज्य को अपने नागरिक परमाणु कार्यक्रम के निर्माण में मदद करेगा. हालांकि इजाराइल-हमास युद्ध छिड़ने के बाद स्थितियां बदल गईं. सऊदी अरब ने अमेरिकी प्रशासन को भी अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है. रियाद ने अमेरिका से कहा है कि इजराइल के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं होंगे, जब तक कि एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है।
7 अक्टूबर से युद्ध जारी
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बता दे 7 अक्टूबर के बाद से गाजा में इजराइली बमबारी के कारण 27,500 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. गाजा में ज्यादातर मौतें महिलाओं और बच्चों की हुई हैं. अब सऊदी ने ये भी कहा है कि गाजा पट्टी पर इजरायली आक्रमण बंद हो और सभी इजरायली कब्जे वाली सेनाएं गाजा पट्टी से हट जाएं.