Saudi Arab Mosque : सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्री दावा और इरशाद शेख डॉ. अब्दुल लतीफ अल-शेख ने मक्का में चार मीनार वाली मस्जिद का नाम बदलने का निर्देश दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद में रखे सोफे को भी हटाने का निर्देश दिया गया है. बता दे कि इस्लामिक मामलों के मंत्री ने उस चार मीनार वाली मस्जिद बदलकर ‘जामा उमर बिन खत्ताब’ नाम रखने का निर्देश जारी किया है।
गौरतलब है कि एक नागरिक ने ट्विटर पर मस्जिद का एक फोटो शेयर किया और उसमे कई लोग सोफे पर बैठकर बातें कर रहे हैं. नागरिक ने कहा है कि ‘मस्जिद इबादत के लिए होती है, लोग सोफे पर बैठकर बातें करते हैं जिससे नमाजियों को परेशानी होती है. वीडियो वायरल होने के बाद इस्लामिक मामलों के मंत्री ने सोफे हटाने और मस्जिद का नाम बदलने का निर्देश दिया.
मक्का और मदीना की मस्जिद के अंदर क्या है? तो बता दे कि इंटीरियर में छत को सहारा देने वाले तीन खंभे और कई निलंबित चांदी और सोने के लैंप के अलावा कुछ नहीं है। वर्ष के अधिकांश समय में काबा काले ब्रोकेड, किस्वा के एक विशाल कपड़े से ढका रहता है। दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद का नाम मस्जिद अल-हरम है. ये मस्जिद इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल, काबा, को पूरी तरह से घेरने वाली एक मस्जिद है। यह सउदी अरब के मक्का शहर में स्थित है और दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। मक्का की भव्य मस्जिद मस्जिद अल-हरम में कुल 210 द्वार हैं जिनमें से 5 द्वार सबसे प्रसिद्ध हैं।
मदीना की ग्रैंड मस्जिद, इस्लाम में दूसरी सबसे पवित्र जगह है. ये मस्जिद पैग़म्बर मोहम्मद साहब के ज़माने में ही इस्लाम के मुख्यालय में स्थापित की गई थी. मोहम्मद साहब ही इस मस्जिद के पहले इमाम थे. मस्जिद अल-नबवी को पैगंबर मोहम्मद साहब ने मक्का से मदीना की यात्रा के एक साल बाद बनाया गया था. आज के सऊदी अरब में स्थित मदीना शहर को तब यथरिब के नाम से जाना जाता था. इस विशाल मस्जिद को आज अरबी भाषा में अल-मस्जिद अल-नबाविस कहते हैं. ये मदीना में बनाई गई दूसरी मस्जिद थी. इससे पहले क़ुबा मस्जिद बनी थी.
अब एक सवाल ये भी है कि दुनिया की पहली मस्जिद का नाम क्या है? तो कुबा मस्जिद को मस्जिद-ए-कुबा के नाम से भी जाना जाता है, जो पहली मस्जिद हिअ दुनिया की. ये मस्जिद मदीना यानि सऊदी अरब के बाहरी इलाके में स्थित है। कहा जाता है कि यह मस्जिद न सिर्फ दुनिया की बल्कि इस्लाम धर्म की पहली मस्जिद है। इसकी स्थापना 7वीं शताब्दी में हुआ था, जिसे मोहम्मद साहब ने बनवाया था और पहली बार नमाज अदा की थी। वहीँ दुनिया की दूसरी मस्जिद अल-अक्सा है. ये भी मस्जिद मुसलमानों की दूसरी सबसे पुरानी मस्जिद है। यह फिलिपींस के येरूसलम में है। इसका नंबर मक्का की काबा मस्जिद के बाद आता है। मक्का और मदीना के बाद मुसलमान सबसे ज़्यादा तादाद में इस मस्जिद में इबादत के लिए जाते हैं।
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