Saudi – 29 दिनों बाद मृतक बलवंत सिंह का शव अपने घर पहुंचा। उत्तर प्रदेश के महराजगंज के चौक क्षेत्र के खोस्टा गांव निवासी बलवंत सिंह की सऊदी के तैफ शहर में तबीयत खराब होने से मौत हो गई। मंगलवार की देर शाम शव गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। 28 मार्च की रात में बलवंत सिंह भोजन करने के बाद अपने कमरे में सोने गया तो अचानक उसके सीने में दर्द हुआ। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। बलवंत सिंह के छोटे भाई रणधीर सिंह ने बताया कि रोजी-रोटी के लिए वह 30 वर्षों से सऊदी में रहता था। एक वर्ष पूर्व घर से सऊदी गया था। मौत की सूचना मिलते ही पत्नी मीना सिंह, पुत्र आनंद सिंह व सुधीर प्रताप सिंह बेसुध हो गए। 29 दिनों बाद उसका शव घर आया। बुधवार को कुशीनगर के छितौनी घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया।
22 जनवरी को ही सऊदी अरब में हुई थी मौत
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इससे पहले आपको बता दे की भारतीय प्रवासी सुरेश मेहता की मौत 22 जनवरी को ही सऊदी अरब में हो गई थी। 57 दिनों के बाद विदेश में मृत मजदूर का शव को घर लाए जाने की उम्मीद जगी थी । भारतीय प्रवासी सुरेश मेहता थाना क्षेत्र के बलियारी पंचायत अंतर्गत भिलमा गांव निवासी बातए जा रहे है। वह मजदूरी करने वहां गया था । उसकी मौत की सूचना कंपनी ने मेल कर परिजनों को दी थी । मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है । मजदूर की मौत के 57 दिन गुजरने के बाद भी शव घर नहीं आ सका ।
शव मांगने में लगते है साल
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बताया जाता है कि प्रवासी सुरेश के परिवार में एकलौता कमाने वाला था , परिवार में पत्नी समेत कुल 3 बच्चे है जिनके नाम पत्नी दुर्गावती , पुत्री काजल , पुत्र विशाल व शिवराज थे . दरअसल भारत से कई लोग सऊदी अरब कमाने जाते है ऐसे में कुछ लोगों की वहां मौत किन्ही करने से हो जाती है। तो शव को भारत लाने में काफी दिन लग जाता है जिसका कारन है सऊदी और भारत का जांच। सऊदी में जिस भारतीय प्रवासी की मौत होती है तो उसकी जाँच की जाती है की यह नेचुरल डेथ है या MUDER ,इधर भारत सरकार प्रक्रियाओं को पूरा करती है शव सऊदी से भारत लाने के लिए। अगर सऊदी अरब में किसी प्रवासी की मर्डर होती है तो ऐसे में शव को भारत जलाने में कई महीने और साल भी लग जाते है।