Israel-Palestine War : फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के रॉकेट हमलों में इजराइल में नेपाल के 10 नागरिकों की मौत हो गयी तथा चार अन्य घायल हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। हमास ने शनिवार को दक्षिणी इजराइल में हवाई हमले किए जिसमें सैनिकों समेत कम से कम 700 लोगों की मौत हो गयी और करीब 2,000 लोग घायल हुए हैं। इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमास के अहम ठिकानों पर हमले किए।
इजराइल और गाजा में मौतों की संख्या 1,000
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इजराइल और गाजा में करीब 1,000 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में बताया कि इजराइल में हमास के हाल के हमले में 10 नेपाली नागरिकों की मौत हो गयी। उसने बताया कि किब्बुत्ज एलुमिम में एक खेत में काम कर रहे नेपाल के 17 नागरिकों में से दो को सुरक्षित बचा लिया गया, चार घायल हो गए तथा एक अभी लापता है। यरुशलम में नेपाल दूतावास ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उस घटनास्थल से 10 नेपाली नागरिकों की मौत की सूचना मिली है जहां हमास ने हमला किया था।’’
वही बता दे की तमाम खाड़ी देशों ने हमले को लेकर अपना रुख साफ़ कर दिया है। सभी मुस्लिम देश दो गुटों में बटीं है। इस्लामिक देश यूएई मध्य-पूर्व का पहला ऐसा बड़ा देश है जिसने अमेरिका की कोशिशों के बाद इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं. साल 2020 में यूएई ने इजरायल के साथ अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किया था. अब इजरायल और फिलिस्तीन की लड़ाई को लेकर यूएई ने अपने बयान में कहा है कि ताजा तनाव के लिए हमास जिम्मेदार है.
UAE ने दिया साथ
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यूएई के विदेश मंत्रालय ने रविवार देर रात एक बयान जारी कर कहा कि फिलिस्तीनी समूह हमास के इजरायली शहरों पर हमला बेहद गंभीर है और इससे भारी तनाव पैदा हुआ है. मंत्रालय ने हिंसा को खत्म करने और नागरिकों की सुरक्षा का आह्वान किया. मंत्रालय ने कहा, ‘गाजा पट्टी के पास इजरायल के शहरों और गांवों के खिलाफ हमास के हमले बेहद गंभीर हैं और इससे भारी तनाव पैदा हुआ है. हमास ने लोगों पर हजारों रॉकेट बरसाए और भारी गोलीबारी की.’
मंत्रालय ने कहा कि यूएई उन रिपोर्टों से स्तब्ध हैं जिनमें बताया जा रहा है कि इजरायली नागरिकों को उनके घरों से अपहरण कर उन्हें बंधक बना लिया गया है.
इस्लामिक देश ने दोनों पक्षों से हिंसा खत्म कर तनाव कम करने का आह्वान करते हुए आगे कहा, ‘दोनों पक्षों के नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत हमेशा पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए और उन्हें कभी भी संघर्ष का निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.’