- Go-first Row : वित्तीय संकट में घिरी एयरलाइन गो फर्स्ट को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से नौ अन्य विमानों का पंजीकरण खत्म करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही अबतक कुल 45 विमानों का पंजीकरण खत्म करने और उन्हें वापस लेने की मांग डीजीसीए के पास पिछले एक हफ्ते में आ चुकी है। वहीँ अब इन सब के बीच हज के लिए भी उड़ानों को लेकर दिक्क्त हो गयी है. अब हज यात्रियों को आना जाना कैसे होगा बात इस मुद्दे पर अटक गयी है. मगर इसका हल निकाला गया है !
दरअसल गो फर्स्ट देश के विभिन्न शहरों ने हज यात्रा के लिए 10 उड़ानों का संचालन करने वाला था और अब उन उड़ानों का संचालन इंडिगो और दो सऊदी विमानन कंपनी सऊदी और फ्लाईडील की ओर से किया जाएगा। सरकार ने संकटग्रस्त गो फर्स्ट की ओर से 10 भारतीय शहरों से संचालित की जाने वाली उड़ानों को इंडिगो और सऊदी अरब के दो एयरलाइंस को आवंटित करने का फैसला किया है। यह फैसला पैसों की कमी से जूझ रहे गो फर्स्ट के परिचालन से जुड़ी अनिश्चितताओं को देखते हुए लिया गया है।
बता दे कि दो मई को विमान परिचालन बंद करने की घोषणा करते समय गो फर्स्ट के बेड़े में कुल 55 विमान मौजूद थे। एयरलाइन ने इंजन की आपूर्ति नहीं होने से पैदा हुए वित्तीय संकट को जिम्मेदार बताते हुए अपनी उड़ानें 12 मई तक रोक दी है। इसके अलावा उसने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के समक्ष दिवाला समाधान प्रक्रिया की अर्जी भी लगाई है, जिस पर बुधवार को फैसला आने की उम्मीद है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए बजट एयरलाइन की याचिका को भी स्वीकार कर लिया है। गो फर्स्ट संकट को देखते हुए चर्चा के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हज यात्रा के लिए उन उड़ानों को फिर से आवंटित करने का फैसला किया है, जिसे गो फर्स्ट की ओर से संचालित किया जाना था। एक अधिकारी ने बताया है कि गो फर्स्ट देश के विभिन्न शहरों से हज यात्रा के लिए 10 उड़ानों का संचालन करने वाला था और अब उन उड़ानों का संचालन इंडिगो और दो सऊदी विमानन कंपनी सऊदी एयरलाइन और फ्लाईडील की ओर से किया जाएगा।
वहीँ Go First की तरफ से स्वेच्छा से दायर दिवाला कार्यवाही के लिए आवेदन दिया गया था, जिसे राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने स्वीकार कर लिया है। वहीं, जेट एयरवेज के दोबारा उड़ान सेवा शुरू करने की योजना को तब झटका लगा जब कंपनी के मनोनीत सीईओ ने इस्तीफा दे दिया। प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन कंपनी Go First की तरह संकट में घिरी स्पाइसजेट ने कहा है कि उसकी bankruptcy proceedings के लिए अर्जी देने की योजना नहीं है। इसके साथ ही कंपनी ने 5 करोड़ डॉलर के साथ उन विमानों को परिचालन में लाने का काम शुरू कर दिया है, जो अभी उड़ान नहीं भर रहे।
दिवालिया घोषित करने वाली एयरलाइन Go First के करीब 5000 कर्मचारियों की नौकरी पर भी संकट है। इस संकट से जूझ रहे कर्मचारियों के लिए टाटा की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया एक बड़ा मौका दे रही है। दरअसल, एयर इंडिया ने बड़े पैमाने पर वैकेंसी निकाली है। इसके लिए दिल्ली में वॉक-इन इंटरव्यू का आयोजन किया गया है।