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कुवैत में 1800 से अधिक कामगार टर्मिनेट, क्यों लिया गया ये फैसला

News Desk
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Kuwait Expats : कुवैत में तेजी से Kuwaitization की प्रक्रिया चल रही है जिसके तहत कई चुनिंदा प्रोफेशन में केवल कुवैती नागरिकों को ही नौकरी दी जा रही है और प्रवासियों को निकाला जा रहा है। ऐसे में कई प्रवासी इस प्रक्रिया से प्रभावित हुए हैं। Minister of Education and Minister of Higher Education and Scientific Research, Dr. Hamad Al-Adwani के आदेशानुसार कुवैत में काम करने वाले 1,815 शिक्षकों को टर्मिनेट कर दिया गया है।

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कुवैत की सरकार देश में सरकारी नौकरियों से सभी प्रवासियों को हटा रही है. कुवैत में सबसे बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं. कुवैत सरकार भारतीयों की संख्या भी देश में कम करना चाहती है. सितंबर 2017 में, आयोग ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों को गैर-कुवैती कर्मचारियों की संख्या को धीरे-धीरे कम करने और नागरिकों के रोजगार देने का आदेश जारी किया था. आदेश में कहा गया था कि पांच वर्षों में सरकारी नौकरियों का ‘कुवैतीकरण’ किया जाना है. साल 2020 में कुवैत में एक कानून भी बनाया गया था जिसमें कहा गया था कि देश में प्रवासियों का तादाद को कम करके कुल आबादी का 30 फीसद तक ले जाया जाएगा.

कुवैत के गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में विभिन्न मामलों में कुवैत से लगभग 18 हजार विदेशियों को उनके देश वापस भेज दिया गया था, साल 2018 में भी कुवैत ने प्रवासियों को लेकर नियमों में बदलाव किया था जिसके बाद सैकड़ों भारतीय इंजिनियरों को अपनी नौकरी से हाथ धोकर स्वदेश लौटना पड़ा था. सरकार के हालिया निर्णय का असर कुवैत में रहने वाले भारतीयों की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है.

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