Israel–Hamas war : ‘सिक्स डे वॉर’ जंग में इजराइल ने अरब देशों को बुरी तरह हराया था। ये अरब देश थे- इजिप्ट, सीरिया, जॉर्डन, इराक, सऊदी अरब और कुवैत। इस शर्मिंदगी का बदला लेने के लिए योम किपुर जंग की साजिश रची गई। 6 अक्टूबर 1973 को इन देशों ने मिलकर इजराइल पर अचानक हमला कर दिया। अमेरिका ने इस जंग में इजराइल का साथ दिया। उस वक्त एकजुट अरब देशों ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था को ठप कर दिया। 50 साल बाद एक बार फिर इजराइल पर अचानक बहुत बड़ा हमला हुआ है। इस बार भी अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देश इजराइल का खुला समर्थन कर रहे हैं। हालांकि जिन इस्लामिक देशों ने 50 साल पहले अमेरिका को मंदी में धकेल दिया था उनका रुख बदल-बदला सा है। चलिए आपको बताते है की कौन सा देश किसकी तरफ है।
सऊदी
शुरुआत करते है सऊदी अरब से सऊदी अरब ने कहा है कि वो इजराइली सेना और अलग-अलग फिलिस्तीनी गुटों के बीच संघर्ष पर नजदीकी निगाह रखे हुए है। सऊदी अरब दोनों पक्षों से हिंसा छोड़ने की अपील करता है। साथ ही दोनों ओर के नागरिकों की सुरक्षा बहाल करने और संयम बरतने की अपील करता है। सऊदी इस जंग में पूरी तरह से फिलिस्तीन के तरफ है। सऊदी ने दो देशों के साथ फैसला किया है की गाजा और उसके आसपास के इलाकों में इजराइल को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए।
Also Read – UAE: इस नियम का पालन न करने पर लगाया जायेगा Dh20,000 का जुर्माना, जारी की गयी चेतावनी
ईरान
ईरान ने खुले तौर पर फिलिस्तीन का समर्थन किया है रान ने कहा है कि हमास के ऑपरेशन ‘अल-अक्सा फ्लड’ रेजिस्टेंस ग्रुप और सताए हुए फिलिस्तीनियों की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नरीस केनानी ने कहा कि ये कार्रवाई फिलिस्तीनियों के निर्विवाद हक के समर्थन में की गई है। ये उस प्रधानमंत्री की हड़पने वाली दुस्साहसी नीतियों का प्रतिकार है।
UAE
सबको चौताके हुए UAE ने इस बार अपना पक्ष इसराइल के तरफ रखा है। UAE ने इस हिंसा के लिए सीधे-सीधे फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास को जिम्मेदार ठहराया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजराइली शहरों और गाजा पट्टी के नजदीक के गांवों पर हमास के हमले से संघर्ष ने भीषण रूप ले लिया है। हमास ने आबादी वाले इलाकों पर हजारों रॉकेट दागे हैं। इजराइली लोगों को उनके घरों से निकाल कर बंधक बनाया गया है। वही UAE के साथ बहरीन भी इजराइल के समर्थन में खड़ा है।
क़तर
कतर ने सभी पक्षों से संघर्ष को न बढ़ाने की अपील की है। कतर ने भी दोनों पक्षों से शांति की अपील की है। साथ ही कहा है कि वह इजराइल और हमास के बीच बढ़ते संघर्ष पर नजर रखे है। खासकर इजराइल की सेना और लेबनान के हिजबुल्लाह गुट के बीच गोलीबारी पर।
Also Read – UAE Draw : भारत के उषा ने जीते 22 लाख , 10 साल बाद देख सकेंगे बेटे का चेहरा
बांग्लादेश और पाकिस्तान
बांग्लादेश और पाकिस्तान ने कहा है की वो पूरी तरह से फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा है। पाकिस्तान ने कहा की वो फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा है और इजराइल की कब्जा करने वाली सेना की हिंसा और अत्याचार को खत्म करने की अपील करता है।बांग्लादेश ने कहा कि इस संघर्ष से किसी को फायदा नहीं होने वाला है। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने और तुरंत संघर्ष रोकने की मांग करते हैं।
मालदीव और मलेशिया
मालदीव और मलेशिया ने भी फिलिस्तीन पर इजराइल के कब्जे को हटाने की अपील की है। मलेशिया और इजराइल के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं। मलेशियाई पासपोर्ट पर लिखा होता है कि यह इजराइल को छोड़कर सभी देशों के लिए वैध है।