RBI: हाल ही में केंद्रीय रिजर्व बैंक ने नासिक जिला गिरणा सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। दरअसल बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई के संभावनाएं न होने के कारण यह किया गया है। ऐसे में एक बयान जारी करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा है कि लाइसेंस रद्द करने के परिणामस्वरूप, बैंक को तत्काल प्रभाव से ‘बैंकिंग’ व्यवसाय करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है।
RBI ने किया बयान जारी
इसके अलावा आरबीआई ने अपने बयान में यह भी कहा कि महाराष्ट्र के आयुक्त एवं पंजीयक सहकारिता से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी जमा राशि की पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
बैंक रहा प्रावधानों का पालन करने में विफल
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘बैंक के जो आकड़े हैं उन्हें देखते हुए 99.92 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।” डीआईसीजीसी ने बैंक से जो संबंधित जमाकर्ता हैं उनसे प्राप्त इच्छा के आधार पर कुल बीमाकृत जमा राशि में से 16.27 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहा है।
50 हज़ार से ज्यादा निकासी पर रोक
अहमदाबाद में मौजूद कलर मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक की बिगड़ती हुई वित्तीय स्तिथि को देखते हुए हाल ही में केंद्रीय रिजर्व बैंक ने कई तरह के अंकुश लगा दिए हैं। जिनके अंतर्गत एक ग्राहक ज्यादातर 50 हज़ार रूपये तक ही बैंक से निकाल सकता है। यह अंकुश 25 सितम्बर को बैंकिंग कारोबार बंद होने के साथ ही लागु हो गए और छह महीने तक लागू रहेंगे।