UAE India : भारत में 1 ऐसी जगह जहाँ पर पत्नी को दिया जाता है किराए पर ! चंद रुपए और 1 एग्रीमेंट साइन करके लोग 1 साल या इससे कम समय के लिए पत्नी ले जाते हैं अपने घर। दशकों से चल रही है ये प्रथा, बाजार में जो जितनी अधिक देगा रकम उसको मिलेगी किराए पर उतनी ही योग्य पत्नी। आपने आज तक सुना होगा कि घर किराये पर गाड़ी किराए पर मिलती है इत्यादी। लेकिन क्या आपने सुना है कि कोई पत्नी को भी किराए पर देता हो। शायद नहीं। लेकिन आज हम आपको जो खबर बताने जा रहे है उसे सुनकर आपके भी पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी। दरअसल भारत में 1 ऐसा भी इलाका है जहाँ पर लड़कियाँ और शादी शुदा महिलाओं को किराए पर दिया जाता है।
पत्नियाँ भी किराए पर दी जाती है
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अब ये जगह कहाँ पर है और यहाँ ऐसा क्यों किया जाता है ये हम आपको आगे खबर में बताएंगे। हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वो मध्य प्रदेश में स्थित है। मध्य प्रदेश में 1 जगह ऐसी है जहाँ पत्नियाँ भी किराए पर दी जाती है। आपको ये बात सुनने में कुछ अजीब भले लग रही हो लेकिन पत्नी को किराए पर
देने वाली बात 16 आने सच है। अब जिस जगह की बात कर रहे है वो मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित है। जहाँ धड़िशानामकी प्रथा खूब चलती है। जिसके तहत आज भी कुवारी लड़कियों से लेकर शादी शुदा पत्नियां तक किराए पर दी जाती है। इसके लिए 10 रूपए से लेकर सौ रूपए तक का स्टांप पेपर पर
शर्त तय की जाती है। यहाँ आने वाले पुरुष अपनी पसंदीदा महिला को 1 रकम अदा कर तय समय के लिए किराए पर ले जा सकते हैं।
यहाँ कुवारी लड़कियां और शादी शुदा महिलाओं की बोली लगती है। यहां की धड़ीचा प्रथा के लिए हर साल 1 तय समय पर मंडी लगा करती है। इसमें शामिल होने के लिए दूरदराज से खरीदार और पुरुष आया करते हैं और स्टांप पेपर के साथ दूसरे की पत्नी या लड़की ले जाया करते हैं।
चाल चलन देखकर रकम तय
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यहां आई कुवारी लड़कियों के अलावा शादी शुदा महिलाओं के चाल चलन देखकर उनकी रकम तय की जाती है और खरीदार 1 निश्चित समय सीमा के लिए लड़कियां या महिलाओं को अपनी पत्नी बनाकर अपने साथ ले जाया करते हैं। यहां को लेकर मिली जानकारी के अनुसार इस मंडी में पत्नियों की कीमत पंद्रह हजार रूपए से शुरू होती और 4 लाख से भी ज्यादा तक जाती है। जहाँ पुरुष 1 साल या उससे कम समय के लिए रकम अदा कर पत्नी को किराए पर ले जाया करते हैं।
दोनों पक्षों के बीच 10 रूपए से लेकर सौ रुपए तक के Stamp पेपर पर करार होता है। जिसमे दोनों पक्षों की शर्तें लिखी जाती है। इसके बाद पति पत्नी दोनों एग्रीमेंट में साइन करते हैं। सौदा पूरा होने पर पति ये फैसला लेता है कि उसे ही पत्नी चाहिए या फिर कोई और। अगर उस शख्स को यही पत्नी फिर से चाहिए होती है तो मंडी जाकर दोबारा एग्रीमेंट बनवाना होता है और रकम अदा करनी होती है। जैसा कि दूसरा व्यक्ति एग्रीमेंट के साथ दूसरे की पत्नी को ले जाता है।
पत्नी को एग्रीमेंट तोड़ने का पूरा अधिकार है
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तो यहाँ प्रश्न है क्या ये महिलाएं इन एग्रीमेंट को तोड़ सकती है। इसको लेकर मिली जानकारी के मुताबिक पत्नी को एग्रीमेंट तोड़ने का पूरा अधिकार है। अगर वह रिश्ते में खुश नहीं है तो अपने करार को बीच में तोड़ सकती हैं। लेकिन ऐसा करने के लिए उसे स्टांप पेपर पर शपथ पत्र देना होता है। इसके बाद उसे तय राशि खरीदार को लौटानी पड़ती है। कई बार महिलाएं दूसरे पुरुष से ज्यादा रकम मिलने पर भी ऐसा क्या करती हैं।
फिलहाल यहाँ की राय पर लेने वाली प्रथा दशकों पुरानी है। लोग इसे अपनी सांस्कृतिक रिवाज से जोड़कर देखते हैं। सरकार भी इस परंपरा को बंद नहीं
करती, क्योंकि ये परंपरा यहाँ के लोगों की सहमति से हुआ करती है। फिलहाल आप इस प्रथा को लेकर क्या कहना चाहते हैं।