Saudi Arab – किंग अब्दुलअज़ीज़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (केएआईए), जेद्दा प्रशासन ने उमराह तीर्थयात्रियों और बोर्ड चार्टर उड़ानों पर उड़ान भरने वालों सहित यात्रियों से उनके प्रस्थान समय से कम से कम चार घंटे पहले हवाई अड्डे पर पहुंचने का आग्रह किया है। यह रमजान के पवित्र महीने के बाद तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की अप्रत्याशित संख्या में वृद्धि के कारण हुआ है।
केएआईए प्रशासन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक संदेश में यात्रियों से अपनी उड़ानों के प्रस्थान से कम से कम चार घंटे और या अधिक से अधिक छह घंटे तक नहीं रिपोर्ट करने के लिए कहा। – यात्री, अपने गंतव्य के लिए वैध यात्रा टिकट के साथ, यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत रिपोर्ट करें कि उनकी यात्रा प्रक्रिया निर्धारित समय पर पूरी हो जाएगी। प्रशासन ने अपने ट्वीट में कहा कि जेद्दाह हवाईअड्डे पर भारी मात्रा में हवाई यातायात के कारण उमराह तीर्थयात्रियों का अपने देश लौटना जारी है, केएआईए प्रशासन यात्रा प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने को सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक है।
उमराह जायरीनों की वजह से लिया फैसला
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आपको बता दे यह फैसला बढे हुए उमराह जायरीनों की वापसी के वजह से लिया गया है सभी उमराह जायरीन जो रमजान के दौरान सऊदी अरब आय थे अब वापस अपने वतन लौट रहे है ऐसे में एयरपोर्ट पर भीड़ को सुवयसित तरीके के हैंडल करने के लिए ये फैसला लिया गया हलाकि आपको बता दे की आने वाले दिनों में भी ये लागु ही रहेगा क्यूंकि आने वाले दिनों में सऊदी अरब में हज यात्रियों की भीड़ लगने वाली है ऐसे में यह फैसला आगे भी जारी रह सकता है।
सऊदी अरब के खाड़ी के खगोलविदों का कहना है कि ईद धुल-हिज्जा का चांद 18 जून को कई अरब देशों में दिखाई देगा. और 28 जून को बकरीद मनाई जायेगी। जी हां खगोल विज्ञान के मुताबिक 19 जून को पहली धुल-हिज्जा होगी, जबकि हज का मुख्य दिन मंगलवार 27 जून और ईद-उल-अजहा को होने की संभावना बुधवार, 28 जून है.
हज होगा कैशलेस
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वहीँ इस बार सरकार ने ‘कैशलेस हज’ (Cashless Hajj) पर जोर देने का फैसला किया है. हज यात्रियों को विदेशी मुद्रा के उपयोग के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा एक कार्ड मुहैया कराया जाएगा. पहले की व्यवस्था के तहत हजयात्रियों को 2100 सऊदी रियाल (करीब 45 हजार रुपये) भारतीय हज समिति के पास जमा कराने होते थे जो उन्हें सऊदी अरब के मक्का और मदीना में खर्च करने के लिए उपलब्ध कराए जाते थे. बता दें कि इस्लाम धर्म मानने वालों का सऊदी अरब स्थित मक्का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है और यहां सभी मुस्लिम जाना चाहते हैं. हर वर्ष लाखों की संख्या में यहां मुसलमान पहुंचते हैं.