संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा जारी करना बंद कर दिया है। इस बात की पुष्टि पाकिस्तान के यूएई में राजदूत फैसल नियाज़ तिरमिज़ी ने की। यह प्रतिबंध पाकिस्तानी समाज के कई वर्गों को प्रभावित कर रहा है, जिनमें हस्तियां और व्यावसायिक पेशेवर शामिल हैं, जो अब वीज़ा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों को वीज़ा समस्याएं
कई पाकिस्तानी नागरिक सोशल मीडिया पर अपनी वीज़ा संबंधी परेशानियां व्यक्त कर रहे हैं। पाकिस्तानी दूतावास ने एक आधिकारिक वीडियो पोस्ट किया जिसमें राजदूत तिरमिज़ी ने इन समस्याओं को स्वीकारते हुए कुछ समाधान सुझाए। उन्होंने कहा कि वीज़ा आवेदकों के पास वापसी टिकट, होटल बुकिंग, और न्यूनतम 3,000 दिरहम होने चाहिए। इसके साथ ही, फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) को निर्देश दिया गया है कि वे उन यात्रियों की कड़ी जांच करें जो वैध वीज़ा या पर्यटन के प्रामाणिक इरादे के बिना यात्रा कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों को यात्रा करने से रोकने और यात्रा प्रतिबंध लगाने की भी सिफारिश की गई है।
वीज़ा प्रतिबंध के प्रमुख कारण
यूएई द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा रोकने का निर्णय मुख्य रूप से वीज़ा नियमों के उल्लंघन को लेकर है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ पाकिस्तानी नागरिक सोशल मीडिया पर अनुचित व्यवहार कर रहे हैं, नकली दस्तावेज़ों का उपयोग कर यात्रा कर रहे हैं, और यूएई में आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। इन मुद्दों पर यूएई अधिकारियों और पाकिस्तानी राजदूत के बीच बैठकों में चर्चा हुई, जिसके बाद यह प्रतिबंध लगाया गया।
यूएई की प्रमुख चिंताएं
- राजनीतिक गतिविधियां और प्रदर्शन: यूएई के स्थानीय कानूनों के खिलाफ पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा राजनीतिक गतिविधियों और प्रदर्शनों में भाग लेना।
- सोशल मीडिया पर आलोचना: कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने यूएई सरकार की नीतियों की आलोचना की, जिससे अशांति फैलने की आशंका हुई।
- नकली दस्तावेज़: नौकरी चाहने वालों में नकली डिग्री और पहचान पत्र जैसी धोखाधड़ी के मामले सामने आए।
- अपराधिक गतिविधियां: अन्य समुदायों की तुलना में पाकिस्तानी नागरिकों के बीच अपराध दर अधिक पाई गई है, जिनमें चोरी, धोखाधड़ी, भीख मांगना, वेश्यावृत्ति, और मादक पदार्थों से जुड़े मामले शामिल हैं।
यूएई सरकार ने इन सभी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अपने कड़े नियम लागू किए हैं और वीज़ा प्रतिबंध की सिफारिश की है। यह कदम यूएई की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।