UAE : गुजरात के सूरत में एक स्कूल के प्रिंसिपल को दो साल में दुबई की 33 यात्राएँ करने के कारण निलंबित कर दिया गया है। इस घटना ने सरकारी नौकरी के नियमों और नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हुआ?
स्नेहराश्मी स्कूल नंबर 285 के प्रिंसिपल संजय पटेल, जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को पढ़ाते हैं, बिना सरकारी मंजूरी के बार-बार विदेश यात्रा करते रहे। उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए नियमों को अनदेखा किया।
बहाने और हकीकत
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पटेल ने दुबई जाने के लिए कभी-कभी फर्जी मेडिकल कारण दिए तो कभी नकली दस्तावेज़ों का सहारा लिया। जांच में पता चला कि उन्होंने यूएई में निवास की व्यवस्था कर ली थी और वहाँ एक ट्रैवल कंपनी भी शुरू की थी। हालांकि, अब वह कंपनी बंद हो चुकी है। जांचकर्ताओं को उनकी दुबई कंपनी के ऑफिस में बैठे हुए तस्वीरें भी मिलीं, जो उनके खिलाफ़ सबूत के तौर पर पेश की गई हैं।
नियम क्या कहते हैं?
भारत में सरकारी कर्मचारियों, खासतौर पर शिक्षकों को विदेश यात्रा से पहले सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। लेकिन पटेल ने इस नियम की कई बार अनदेखी की।
सरकार की प्रतिक्रिया
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शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पंशेरिया ने इस मामले को प्रिंसिपल द्वारा अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल बताया। उन्होंने कहा, “इस साल 60 से ज्यादा शिक्षकों को अनधिकृत विदेश यात्रा के लिए नौकरी से निकाल दिया गया है। राज्य के ज्यादातर शिक्षक अपने काम के प्रति ईमानदार हैं, लेकिन पटेल जैसे लोग पूरे पेशे की छवि खराब कर देते हैं।” राज्य सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारियों को ऐसे मामलों की सख्ती से निगरानी करने और कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।