UAE Crime: रास अल खैमाह की एक अदालत ने भेड़ों की चोरी के आरोप में 36 वर्षीय व्यक्ति को सजा सुनाई और फिर उस सजा को तीन साल के लिए स्थगित कर दी है, दरअसल कोर्ट को उसके खिलाफ़ किए गए दावों पर संदेह था। उसे शुरू में एक साल की जेल की सज़ा सुनाई गई थी और अपराध के लिए जुर्माना लगाया गया था। हनान अल शमीली लॉ फ़र्म की प्रतिवादी की कानूनी टीम ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ बचाव दायर किया।
पीड़ित ने अपने अधिकारों का त्याग कर दिया और प्रतिवादी के साथ समझौता कर लिया , लेकिन अदालत ने अंततः योग्यता की कमी के कारण इसे खारिज कर दिया और अंततः प्रारंभिक सज़ा भी निलंबित कर दी गई। हालाँकि, प्रतिवादी को कानूनी शुल्क का भुगतान करने का आदेश दिया गया। सज़ा के निलंबन के तीन साल के भीतर, यदि वही मुद्दा फिर से अदालत के सामने पेश किया जाता है, तो प्रतिवादी को प्रारंभिक सज़ा काटनी होगी।
नागरिक ने चोरी की शिकायत कराइ दर्ज
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मामला तब शुरू हुआ जब पीड़ित जो की एक 40 वर्षीय अरब नागरिक है उन्होंने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराइ थी। जब उसे पता चला कि उसकी तीन भेड़ें पशुधन बाज़ार में बिक्री के लिए थीं। उसने दुकान मालिक को संदिग्ध के वाहन का विवरण दिया। जांच से पता चला कि आरोपी का कथित तौर पर इसी तरह के अपराधों का इतिहास रहा है।
हालांकि शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने 50,000 दिरहम की कीमत की 30 भेड़ें खो दी हैं, लेकिन उसने चोरी की रिपोर्ट तभी दर्ज कराई जब उसे पता चला कि तीन भेड़ें गायब हैं, और वह इतने बड़े नुकसान की पुष्टि करने में विफल रहा। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि इतने बड़े नुकसान की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए, जिससे यह संकेत मिलता है कि दावे में विश्वसनीयता की कमी है। इसके अलावा, एक गवाह ने दिन में एक कर्मचारी को भेड़ों को चारा खिलाते हुए देखा, जिससे उनकी मौजूदगी में चोरी की घटना के बारे में संदेह पैदा हुआ।
आरोप का आधार कमजोर
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इसके अलावा, शिकायतकर्ता के भाई ने दावा किया कि उसने बाजार में चोरी की गई दो भेड़ों को देखा था, जिससे सवाल उठता है कि शिकायतकर्ता कई अन्य भेड़ों के बीच उन्हें कैसे पहचान सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, इससे चोरी के आरोप का आधार भी कमजोर हो गया।