सूडान में फंसे भारतीयों की मदद करेगा UAE

 UAE – सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संर्घष जारी है ऐसे में कई भारतीय सूडान में फंसे है जिसके लिए भारत के विदेश मंत्री लगातार अन्य देशों से उनकी सुरक्षा के लिए मदद मांगी है। जिसमें सूडान में फंसे भारतीय के लिए UAE सामने आय है। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संर्घष थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि चल रही इस हिंसा में अब तक करीब 270 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. वहीं, स्थिति को देखते हुए भारत सरकार सूडान में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई देशों से संपर्क करने में जुटी है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सऊदी अरब और यूएई ने जमीनी स्तर पर अपना समर्थन देने का भारत को आश्वासन दिया है

UAE ने मदद करने का दिया अस्वाशन

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दरअसल, भारत सूडान मामले को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और यूएई से बातचीत कर रहा है. ऐसे में अब सरकारी सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि साऊदी अरब और यूएई ने भारत को अपना समर्थन देने की बात की है. दरअसल, पिछले करीब एक हफ्ते से देश की सेना और अर्धसैनिक समूह के बीच घातक लड़ाई चल रही है जिसमें लोग मारे जा रहे हैं. सूडान में भारतीय दूतावास ने सोमवार (18 अप्रैल) को एक नई एडवाइजरी जारी कर भारतीयों से अपने घरों से बाहर नहीं निकलने और शांति बनाए रखने का आग्रह किया है .

सरकारी सूत्रों ने ये भी बताया कि नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. खार्तूम में अपने दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं और भारतीय समुदाय की स्थिति की नियमित रिपोर्ट हासिल कर रहे हैं. बदले में दूतावास व्हाट्सएप समूहों सहित कई तरीकों से समुदाय और व्यक्तियों के संपर्क में है. सूत्रों ने बताया कि सूडान में सड़कों पर स्थिति बहुत तनावपूर्ण है और इस अवस्था में आवाजाही बहुत जोखिम भरी होती है. मंत्रालय और दूतावास दोनों स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं.

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क्या है युद्ध का कारण

सूडान में अक्टूबर 2021 में सैन्य तख्तापलट हुआ था। उसके बाद से सेना और अर्धसैनिक बलों से जनरल एक संप्रभु परिषद के माध्यम से देश को चला रहे हैं। इस परिषद का नेतृत्व सूडानी सेना के प्रमुख जनरल अब्देल फतह अल बुरहान कर रहे हैं, वहीं रैपिड सपोर्ट फोर्स के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगलो संप्रभु परिषद के उपाध्यक्ष हैं। दरअसल, संप्रभु परिषद अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) को सूडानी सेना में शामिल करना चाहती थी, लेकिन आरएसएफ इसे कम से कम 10 साल के लिए टालना चाहती है। वहीं, सूडानी सेना का कहना है कि इसे हर हाल में दो साल के अंदर कर देना चाहिए। इसी मुद्दे पर पिछले हफ्ते तनाव बढ़ने के बाद आरएसएफ ने मेरोवे में सैन्य अड्डे के पास अपने लड़ाकों को तैनात किया था। अब सूडान के हालत बद से बदतर होते जा रह है।

 

 

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