Saudi Arab: सऊदी अरब ने मंगलवार, 18 जनवरी को अली बिन अब्दुल जलील बिन मंसूर नाम के नागरिक को फांसी दे दी। उसे सुरक्षा बलों पर हमला करने और आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में दोषी ठहराया गया था।
क्यों दी गई फांसी?
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सऊदी के आंतरिक मंत्रालय के मुताबिक, मंसूर पर कई गंभीर आरोप थे, जैसे:
- सुरक्षा कर्मियों पर हमला करना
- आतंकवाद को फंडिंग देना
- अवैध हथियारों का सौदा करना
ये फांसी पूर्वी प्रांत में दी गई।
सऊदी अरब में फांसी की सजा
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सऊदी अरब में हत्या, नशे की तस्करी और आतंकवाद जैसे बड़े अपराधों पर फांसी की सजा दी जाती है। इससे पहले, जनवरी की शुरुआत में अब्दुल्ला बिन अहमद नाम के व्यक्ति को भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में फांसी दी गई थी।
नवंबर में, रियाद में दो लोगों को देश के खिलाफ साजिश रचने और आतंकवादी हमलों की योजना बनाने के आरोप में फांसी दी गई थी।
2024 में फांसी की संख्या बढ़ी
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सऊदी अरब में 2024 में फांसी की सजा में काफी बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर तक 303 से 330 लोगों को फांसी दी जा चुकी थी। इनमें:
- 103 लोग नशे की तस्करी के आरोप में
- 45 लोग आतंकवाद से जुड़े मामलों में
सऊदी अरब की सरकार इसे कानून और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जरूरी कदम बता रही है, लेकिन कई मानवाधिकार संगठनों ने इस पर सवाल उठाए हैं।