Rain Dad: 36 साल के अमीराती हमद अल काबी का जुनून है बारिश और तूफानों का पीछा करना। उनके इस शौक ने उन्हें सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय बना दिया है। खास बात ये है कि उनका मौसम से प्यार इतना गहरा है कि उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी बारिश और बादलों के नाम पर रख दिए। उनकी बेटी का नाम ‘मेज़ना’ है, जिसका मतलब अरबी में बादल होता है, और बेटे का नाम ‘मत्तर’, यानी बारिश।
20 साल से तूफानों का पीछा
अल ऐन के रहने वाले अल काबी पिछले 20 सालों से बारिश और तूफानों का पीछा कर रहे हैं। यह उनका शौक है। 2019 में शादी और परिवार शुरू करने के बाद भी उनका यह जुनून कम नहीं हुआ। उन्होंने खुद बताया, “मुझे बारिश इतनी पसंद है कि मैंने अपने बच्चों के नाम भी इससे जोड़ दिए।”
उनकी बेटी मेज़ना अब 6 साल की है, और बेटा मत्तर 3 साल का है।
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‘स्टॉर्म सेंटर’ से सीखी नई बातें
पिछले कुछ सालों में अल काबी का यह शौक और भी बढ़ गया। वह एक ऑनलाइन फ़ोरम ‘स्टॉर्म सेंटर’ से जुड़े, जिसे उमर अल नुआइमी नाम के एक और अमीराती ने शुरू किया था। यहां खाड़ी देशों के मौसम प्रेमी अपने अनुभव और ज्ञान शेयर करते हैं।
अल काबी ने कहा, “पहले मुझे बारिश और मौसम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन इस ग्रुप से जुड़ने के बाद मैंने मौसम के पैटर्न, बारिश के पूर्वानुमान और तूफानों का पीछा करने जैसे इवेंट्स के बारे में बहुत कुछ सीखा।”
गर्मियों की बारिश है खास
अल काबी के लिए बारिश का पीछा करना सिर्फ सर्दियों तक सीमित नहीं है। वह पूरे साल इसका आनंद लेते हैं।
उन्होंने बताया, “सर्दियों में बारिश कम दबाव वाले सिस्टम की वजह से होती है, जबकि गर्मियों में ‘अल-रवाईह’ जैसी दुर्लभ घटनाएं होती हैं। गर्मियों की बारिश कम होती है, लेकिन बहुत खास होती है।” उनका कहना है, “गर्मियों की बारिश मुझे सर्दियों से ज्यादा पसंद है। सोचिए, जब बाहर 50 डिग्री की गर्मी हो, और अचानक बारिश हो जाए, तापमान 19 डिग्री तक गिर जाए, और चारों तरफ हरियाली छा जाए – यह एक जादुई एहसास है।”
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बचपन से है बारिश का प्यार
अल काबी बताते हैं कि बचपन से ही बारिश ने उन्हें हमेशा आकर्षित किया है। उनके पिता तूफानों का पीछा तो नहीं करते थे, लेकिन बारिश का हर पल खुलकर इंजॉय करते थे। यही आदत उन्होंने भी अपने पिता से सीखी। “1980 और 1990 के दशक में बारिश कई दिनों तक होती थी। मुझे तब से ही बारिश से सुकून मिलता है। यह मेरे लिए सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि एक खास एहसास है,” उन्होंने कहा अल काबी का यह जुनून अब न सिर्फ उनका शौक है, बल्कि उनकी पहचान भी बन गया है।