Kuwait: कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या मंगलवार को भारत के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कुवैती मंत्री का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि यह दौरा भारत और कुवैत के बीच गहरे रिश्तों को और मजबूत करेगा। MEA ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “भारत-कुवैत के बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करते हुए कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या का भारत में स्वागत है।” विदेश मंत्रालय की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, अब्दुल्ला अली अल-याह्या भारत में बुधवार, 4 दिसंबर तक रहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी मुलाकात
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इस दौरान वे कई हाई-प्रोफाइल बैठकों में हिस्सा लेंगे। बुधवार को वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात करेंगे। इसके बाद, वे दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बातचीत करेंगे। बुधवार रात को वे कुवैत के लिए रवाना हो जाएंगे। भारत और कुवैत के बीच रिश्ते ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं। इनकी नींव सदियों पुराने व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से जुड़ी है। 1961 में कुवैत के स्वतंत्र होने से पहले भारतीय रुपये को वहां कानूनी मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था।
कुवैत की अर्थव्यवस्था
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तेल की खोज से पहले कुवैत की अर्थव्यवस्था समुद्री गतिविधियों, जैसे जहाज निर्माण, मोती निकालने और अरब घोड़ों, खजूर व मोतियों के व्यापार पर आधारित थी। भारत से वे लकड़ी, मसाले और कपड़े मंगाते थे। 2021-22 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाई गई, जो इन पुराने रिश्तों का जश्न था। कुवैत में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग दस लाख है, जो वहां का सबसे बड़ा प्रवासी समूह है। भारतीय लोग इंजीनियरिंग, चिकित्सा, आईटी और बिजनेस जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं।