बड़ी खबर : दुबई के रास्ते से मुंबई में घुसे 3-3 आतंकवादी !

Entered Mumbai Via Dubai : दरअसल मुंबई पुलिस के मुख्य नियंत्रण कक्ष को 7 अप्रैल को एक कॉल आया था, जिसमे बताया गया कि दुबई से तीन आतंकवादी मुंबई में घुसे हैं और उन सभी का पाकिस्तान से सम्बन्ध है. पुलिस ने कॉल को ट्रेस करना शुरू किया ताकि पता लगे कि क्या ये कॉल सही है या कोई पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. तो खुलासा हुआ कि ये कॉल फेक था. तभीआजाद मैदान पुलिस ने फोन करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज कर उस कॉल करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।

कॉल व्यक्ति के चचेरे भाई ने की

उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (1) (बी), 506 (2), 182 के तहत केस किया गया है। जांच में पता चला कि कॉल व्यक्ति के चचेरे भाई ने की थी. जिसका नाम राजा थूगे था और ये मुंबई के पुणे का रहने वाला था. इसने आतंकवादी मुजीब मुस्तफा सैयद के बारे में मुंबई पुलिस को जानकारी दी थी और साथ ही उसका कांटेक्ट नंबर और लाइसेंस प्लेट नंबर भी दिया था. बता दे कि पुणे के राजा थूगे नाम के एक कॉलर ने कंट्रोल रूम को कॉल करके ये सब बात बताई थी.

पुलिस और नासिक एटीएस की समानांतर जांच के दौरान पता चला कि कॉलर ने गलत जानकारी दी थी और कॉल करने वाला खुद मुजीब का चचेरा भाई यासीन याकूब सैयद था। उसके ऐसा करने के पीछे का कारण संपत्ति विवाद था. वो चाहता था की उसका चचेरा भाई आतंकवादी जैसे लफड़े में पड़ जाए और संपत्ति सब उसके नाम हो जाए यानी फेक कॉल करने वाले कॉलर के नाम पे !

संपत्ति विवाद को लेकर फर्जी कॉल

जब पुलिस के गिरफ्त में कॉलर आया तो उससे तमाम सवालात किये गए जिसमे उसने सारी details दी. की उसने क्यों किया कैसे किया ! पुलिस के पूछताछ के दौरान यासीन ने फर्जी कॉल करने की बात कबूल की। यह पूछे जाने पर कि उसने ऐसा क्यों किया, यासीन ने कहा कि पैतृक संपत्ति को लेकर हुए विवाद के कारण उसने ऐसा किया है. माना जाता है कि मुजीब और यासीन के पास अहमदनगर में साढ़े पांच गुंठा का पुश्तैनी प्लॉट है। संपत्ति विवाद को लेकर गुस्से में आकर उसने मुजीब को फंसाते हुए फर्जी कॉल किया। मुंबई में बहुत बार आतंकी हमले हो चुके हैं. और ऐसे में लोगों का इस तरह आपसी विवाद के चलते शहर की पुलिस को पैनिक करना एक बहुत बड़ा जुर्म है. 2008 के मुंबई हमले नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमले के एक समूह थे.

इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक 26/11

जी हां भारत के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक 26/11 को आतंकवादियों ने अब तक के सबसे क्रूर आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के दस आतंकवादियों ने मुंबई में प्रवेश कर चार दिनों तक गोलीबारी और सिलसिलेवार बम विस्फोट किए थे। मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमले को 15 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी उसके जख्म देश के हर आदमी के दिल में जिंदा है। इस हमले के पीछे आतंकियों के कई मकसद थे, जिसका खुलासा समय-समय पर होता आया है। वर्ष 2008 में 26/11 के हमले में भाग लेने वाले आतंकवादी पाकिस्तान से भेजे गए थे और काफी trained थे। ये सभी भारत में समुद्र के रास्ते से आये थे.  इस आतंकी हमले में लगभग 64 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक लोग इसमें घायल हुए थे। इस हमले में सभी आतंकवादी मारे गए लेकिन मोहम्मद अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया। जिसे यरवदा जेल में 21 नवंबर 2012 को फांसी दी गई थी।

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