Dubai Crime : भारत के उत्तर प्रदेश से एक अजीबो गरीब मामला सामनेआया है जहां एक व्यक्ति के घर नोटिस भेजकर उसे समाज के लिए खतरा बतया गया है जो कई दिनों से दुबई में रहकर काम कर रहा है। यह मामला उत्तर प्रदेश के आगरा का है। जहां सदर थाना पुलिस ने दुबई में रह रहे युवक को 110 जी (लोक परिशांति भंग करने का खतरा) में पाबंद करने की रिपोर्ट भेज दी है । इस पर एसीपी छत्ता ने नोटिस जारी कर दिया। साथ ही युवक को जमानतदार प्रस्तुत करने को कहा। पीड़ित परिजन ने मंगलवार को पुलिस उपायुक्त नगर को प्रार्थना पत्र दिया है । जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे है। मामले में जांच के आदेश किए गए हैं।
दो अप्रैल 2023 से दुबई में रह रहा युवक
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दरअसल हिमाचल कॉलोनी, देवरी रोड निवासी शैलेंद्र सिंह उर्फ शैली जाट दुबई में नौकरी करते हैं। वह दो अप्रैल 2023 से दुबई में रह रहे हैं। भाई गजेंद्र सिंह वार्ड नंबर 5 से पूर्व पार्षद हैं। वह मंगलवार को कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उनके घर पर एसीपी छत्ता का एक नोटिस पहुंचा। इसमें भाई शैलेंद्र सिंह आपराधिक प्रवृत्ति का है जो दुबई में काम कर रहा है। इसके साथ ही उसमें लिखा था की लोगों में भय है। वह किसी भी समय अप्रिय घटना कर सकता है। थाना प्रभारी शैलेंद्र को 110 जी में पाबंद करने की रिपोर्ट भेजी थी। इस पर एसीपी छत्ता की कोर्ट ने शैलेंद्र को पाबंद कर दिया। उन्हें दो जमानतदार पेश करने के लिए कहा गया है। गजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि भाई दुबई में रह रहा है। बिना जांच के ही भाई को पाबंद कर दिया गया। मामले में डीसीपी सिटी विकास कुमार को शिकायत पत्र दिया गया है।
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110 जी की कार्रवाई
पीड़ित के भाई गजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि वर्ष 2019 में थाना सदर में एक मुकदमा लिखा गया था। इसमें जानलेवा हमला और एससी-एसटी एक्ट लगा था। तब भी मुकदमे में भाई रंजिशन शैलेंद्र को भी नामजद कर दिया गया था। तीन अन्य आरोपी भी थे। उस समय भाई दूसरे प्रदेश में नौकरी कर रहा था। इसके सुबूत पुलिस को दिए गए थे। वह निर्दोष था। साक्ष्यों के आधार पर मुकदमे से शैलेंद्र का नाम निकाला दिया गया था। अब पुलिस ने इसी मुकदमे के आधार पर भाई के खिलाफ 110 जी की कार्रवाई की है, जबकि उसका नाम मुकदमे से निकल चुका है।
पुलिस की इस कार्रवाई से सवाल खड़े हो रहे हैं। 110 जी की कार्रवाई आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के खिलाफ की जाती है। इसकी रिपोर्ट थाने से भेजी जाती है। पूर्व में दर्ज मुकदमों और कार्रवाई का हवाला दिया जाता है। पाबंद होने पर छह महीने तक व्यक्ति को थाने में हाजिरी देनी होती है। दो जमानतदार भी प्रस्तुत करने पड़ते हैं। इस अवधि में नोटिस वाला व्यक्ति कोई घटना करता है तो जमानत राशि वसूल की जाती है। मगर, कई बार पुलिस बिना रजिस्टर देखे और पड़ताल किए कार्रवाई कर देती है। और इसी लापरवाही का शिकार दुबई में काम कर रहा युवक हुआ है।