सऊदी अरब की पहली अंतरिक्ष में जाने वाली महिला ‘रेयाना बरनावी’ कौन हैं

Saudi First Women Space : सऊदी अरब की पहली ऐसी महिला जो जाएँगी अंतरिक्ष में, जी हां महिला Astronaut रेयाना बरनावी ! कौन हैं ये,,,,,,,, आईये थोड़ा जानते हैं इनके बारे में !  रेयाना सऊदी से अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाली पहली महिला हैं. ये पेशे से एक ब्रेस्ट कैंसर रिसर्चर हैं और स्पेस एंड टेक्नोलॉजी फील्ड की पढ़ाई कर रखी है. इसलिए अब इनका मुकाम बहुत ऊँचा हो चूका है और महिला एस्ट्रोनॉट रेयाना बरनावी अंतरिक्ष यात्रा करने वाली है.

पूरी दुनिया में महिलाओं को अब एक ख़ास जगह दी जा रही है ताकि वो भी अपने दम पे कुछ कर दिखाए, सऊदी अरब जो अपने सख्त नियमों के लिए जाना जाता है, वहां की सरकार भी अब अपने यहना की महिलाओं को बढ़चढ़कर सपोर्ट करने लगा है. हर एक क्षेत्र में पुरुषो के साथ कदम से कदम मिलाने का हक़ दे चूका है. सऊदी king के नेतृत्व में सऊदी अरब में महिलाओं को पुरुषों के बिना भी विदेश यात्रा की अनुमति दे दी गई है। साथ ही सऊदी अरब में कामकाजी महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साल 2016 में सऊदी अरब में कामकाजी महिलाओं की संख्या 17 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 37 फीसदी हो गई है और अब इसी कड़ी में सऊदी नई पहल करने जा रहा है. जहां सऊदी अरब से पहली महिला अंतरिक्ष की लंबी छलांग लगाने को तैयार हैं. मई में रेयाना बरनावी अंतरिक्ष के सफर पर जाने वाली हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले महीने 9 मई को रेयाना इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन के लिए रवाना होंगी. रेयाना के साथ अल-कर्नी भी इंटरनेशनल स्पेस सेंटर के लिए उड़ान भरेंगे. नासा ने इस बात की पुष्टि की है. बता दे कि रेयाना बरनावी के साथ दो लोग और अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे, जिसमें नासा के पूर्व एस्ट्रोनॉट पेगी व्हिटसन और बिजनेसमैन जॉन शॉफनर हैं. बता दें कि इससे पहले एक अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी को स्पेस में भेजा गया है. अब 9 मई को रवाना होने वाले अंतरिक्ष यात्री वहां पहुंच कर अल नियादी से मिलेंगे. इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी स्पेस-एक्स के कैप्सूल की होगी.

सऊदी महिला एस्ट्रोनॉट रेयाना पहली ऐसी महिला हैं, जिन्होंने astrautical की ख़ास पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने न्यूजीलैंड की ओटैगो यूनिवर्सिटी से जेनेटिक इंजीनियरिंग और टिश्यू डेवलपमेंट में ग्रेजुएशन किया है. मालूम हो कि इससे पहले भी सऊदी अपने नाम एक कीर्तिमान स्थापित कर चुका है.

इससे पहले साल 1985 में सऊदी युवराज सुल्तान बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज भी अमेरिका के स्पेस मिशन के साथ अंतरिक्ष गए थे और इस तरह वह अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अरब मुस्लिम बने थे। बता दें कि जैसे जैसे दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों और अन्य विकल्पों की तरफ जा रही है, वैसे-वैसे दुनिया में तेल की अहमियत घटती जाएगी। आने वाले 15-20 सालों में तेल शायद अपनी चमक खो दे। सऊदी अरब भी इस बात को समझ रहा है और यही वजह है कि सऊदी अरब भी अपनी अर्थव्यवस्था की निर्भरता तेल पर कम करके पर्यटन आदि पर निर्भर करने की योजना बना रहा है। ऐसे में सऊदी अरब में हो रहे बदलावों को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है।

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