Saudi : हैदराबाद के रहने वाले 28 साल के मोहम्मद समीर ट्रैवल एजेंट के धोखे में फंसकर सऊदी अरब की जेल पहुंच गए थे। लेकिन 1 जनवरी, बुधवार को वो आखिरकार सुरक्षित अपने घर लौट आए। समीर ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) के नेता अमजद उल्लाह खान को उनकी मदद के लिए दिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने जेद्दा में भारतीय महावाणिज्य दूतावास (सीजीआई) का भी शुक्रिया अदा किया।
असल में, 22 दिसंबर को समीर की मां शाहेदा बेगम ने अमजद उल्लाह खान से अपने बेटे को वापस लाने की गुहार लगाई थी। ट्रैवल एजेंट मोहम्मद अकबर ने समीर को सऊदी में फूड डिलीवरी की नौकरी का लालच देकर जाल में फंसा लिया था।
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बेच रहा था चटाई
समीर ने डिलीवरी बॉय की नौकरी के लिए 1,500 सऊदी रियाल (तकरीबन 30,000 रुपये) की तनख्वाह पर अकबर को 1.50 लाख रुपये दिए और 2 अगस्त को जेद्दा पहुंच गए। लेकिन वहां उन्हें न तो तनख्वाह मिली और न ही कोई मदद।
हालत और बिगड़ गई जब समीर ने भारत वापस लौटने की कोशिश की। उनके कफील (स्पॉन्सर) ने उनका पासपोर्ट वापस देने के लिए 2 लाख रुपये की मांग कर दी। गुजारा करने के लिए समीर ने मक्का में ग्रैंड मस्जिद के पास टोपी और प्रार्थना चटाई जैसी चीजें बेचना शुरू किया।
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ऐसे मिली मदद
23 नवंबर, 2024 को सऊदी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और जेद्दा की सफर जेल भेज दिया। अमजद उल्लाह खान ने डॉ. एस. जयशंकर के जरिए मामला उठाया। इसके बाद जेद्दा में भारतीय दूतावास ने फौरन कदम उठाए। उनकी कोशिशों से समीर को जेल से रिहा करवाया गया और उन्हें भारत लौटने की व्यवस्था भी कराई गई। ट्रैवल एजेंट अकबर ने हैदराबाद के लगभग 30 और युवाओं को सऊदी अरब भेजा है, जो अभी भी वहां फंसे हुए हैं।