यमन की राजधानी सना में भारत की नागरिक निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। यह फैसला यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में निमिषा को दोषी पाए जाने के बाद लिया गया है। निमिषा की मां का कहना है कि 7 जुलाई को सना के जेल से फोन आया था, जिसमें फांसी की तारीख बताई गई थी। जेल अधिकारियों ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले ही निमिषा को इसकी जानकारी दे दी थी।
निमिषा की मां की भावनाएं
निमिषा की मां बीते एक साल से यमन में हैं और उनका कहना है कि वह अपनी बेटी को बिना वापस केरल नहीं जाएंगी। उनका दिल टूट चुका है, लेकिन वह अपनी बेटी के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। अब इस मामले में भारत सरकार का भी बयान सामने आया है।
भारत सरकार का बयान: कुछ नहीं कर सकती
भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह निमिषा की फांसी को रुकवाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर सकती। भारत सरकार के वकील ए.जी. वेंकटरमणी ने बताया कि यमन में अस्थिरता के कारण भारत सरकार को कोई अधिकार नहीं है। यमन की सरकार को भारत ने कूटनीतिक तौर पर मान्यता नहीं दी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार निमिषा को बचाने के लिए निजी स्तर पर पूरी कोशिश कर रही है। वकील ने कोर्ट को बताया कि भारत सरकार इस मामले में अपनी कोशिशों को सार्वजनिक नहीं करना चाहती।
भारत और हूतियों के बीच नहीं है राजनयिक संबंध
निमिषा, जो ईरान समर्थित हूतियों के नियंत्रण वाली जेल में बंद हैं, उनका भारत के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं है। हूती समूह और भारत के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं, जिससे भारत के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करना मुश्किल हो गया है।
निमिषा का यमन में रहना और संघर्ष
निमिषा 2011 में अपने परिवार के साथ यमन चली गईं, लेकिन तीन साल बाद उनके पति और बेटी आर्थिक तंगी के कारण भारत लौट आए। निमिषा ने यमन में एक क्लिनिक खोलने का फैसला लिया, और तलाल अब्दो महदी के साथ साझेदारी में एक क्लिनिक शुरू किया। हालांकि, बाद में अब्दो ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और उन्हें टार्चर किया। निमिषा ने अब्दो को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान अब्दो की मौत हो गई। इसके बाद, 2020 में निमिषा को हत्या का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई गई।
क्या अब भी कुछ हो सकता है?
निमिषा के मामले में भारत सरकार ने जितनी कोशिश की, वह शायद अब तक काम नहीं आई। लेकिन उनकी मां अब भी उम्मीद नहीं छोड़ रही हैं और इस कठिन समय में वह अपनी बेटी को बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं।