पेशाब में झाग आना किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है, लेकिन हमेशा नहीं।
- कभी-कभी यह सामान्य भी हो सकता है, जैसे कि तेज़ प्रवाह से पेशाब करने पर झाग बन सकता है।
- लेकिन अगर झाग बार-बार या लंबे समय तक दिखाई देता है, तो यह प्रोटीनयूरिया (Proteinuria), डायबिटीज, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), किडनी डिजीज, या डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।
मुख्य कारण:
✔ किडनी रोग (Nephrotic Syndrome, CKD, Glomerulonephritis) – अगर किडनी ठीक से काम नहीं कर रही तो प्रोटीन पेशाब में लीक होने लगता है।
✔ डायबिटीज और हाइपरटेंशन – शुगर और ब्लड प्रेशर का असंतुलन किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे प्रोटीनयूरिया हो सकता है।
✔ यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) – बैक्टीरिया के कारण पेशाब में झाग आ सकता है, खासकर जलन या बदबू के साथ।
✔ डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) – कम पानी पीने से पेशाब गाढ़ा और झागदार हो सकता है।
✔ गर्भावस्था – प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर या प्रोटीन लीक होना प्री-एक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है।
✔ बहुत अधिक प्रोटीन डाइट (मांस, अंडा, सप्लीमेंट्स) – असंतुलित आहार से गुर्दों पर अतिरिक्त भार पड़ सकता है।
✔ लंबे समय तक पेशाब रोकना – मूत्राशय पर दबाव बढ़ने से झाग आ सकता है।
क्या करें?
✅ यदि पेशाब में लगातार झाग आ रहा है, तो निम्नलिखित टेस्ट करवाएं:
1️⃣ रूटीन यूरिन टेस्ट – प्रोटीन, शुगर, और संक्रमण का पता लगाने के लिए।
2️⃣ 24 घंटे का यूरिन प्रोटीन टेस्ट – किडनी की हेल्थ चेक करने के लिए।
3️⃣ ब्लड शुगर टेस्ट (FBS, PPBS, HbA1c) – डायबिटीज की जांच के लिए।
4️⃣ ब्लड प्रेशर की नियमित जांच – हाइपरटेंशन से किडनी प्रभावित हो सकती है।
5️⃣ किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT – Creatinine, Urea, eGFR) – किडनी की कार्यक्षमता देखने के लिए।
घरेलू उपाय जो सहायक हो सकते हैं (लेकिन उपचार नहीं हैं)
💧 पर्याप्त पानी पिएं (8-10 गिलास)
🥗 संतुलित आहार लें, ज्यादा प्रोटीन या नमक न खाएं।
🚶♂️ नियमित व्यायाम करें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।
🩺 डॉक्टर से सलाह लें – बार-बार झाग आने पर जाँच करवाना ज़रूरी है।
निष्कर्ष:
- एक बार झाग आना सामान्य हो सकता है, लेकिन बार-बार होने पर यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
- अगर पेशाब में झाग के साथ सूजन, थकान, बार-बार पेशाब आना, जलन, या हाई BP जैसी समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।