Passport Ban: मालदीव ने अब इजरायली पासपोर्ट रखने वाले लोगों के अपने देश में एंट्री पर पाबंदी लगा दी है। इसका कारण गाजा पट्टी में चल रही इजरायल की सैन्य कार्रवाई और फिलिस्तीन के साथ एकजुटता बताया गया है। ये फैसला मालदीव के इमिग्रेशन कानून में तीसरा संशोधन होने के बाद लिया गया, जिसे 15 अप्रैल को संसद (पीपुल्स मजलिस) ने पास किया।
ये लोग नहीं जा पाएंगे मालदीव
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के ऑफिस की ओर से बताया गया कि ये कदम फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ हो रहे इजरायली हमलों और कथित नरसंहार के खिलाफ मालदीव की सख्त नाराज़गी को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मालदीव अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार इजरायल की कार्रवाई की आलोचना करता रहेगा और उस पर जवाबदेही की मांग करता रहेगा।
राष्ट्रपति मुइज्जू पहले भी कई बार खुले तौर पर फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने और उसका समर्थन करने की बात कह चुके हैं। इस नए कानून के मुताबिक, अब सिर्फ वही लोग मालदीव में नहीं आ पाएंगे जिनके पास केवल इजरायली पासपोर्ट है। लेकिन जिनके पास दो देशों की नागरिकता है, वे दूसरे देश का पासपोर्ट दिखाकर आ सकते हैं। गौरतलब है कि ये फैसला सबसे पहले जून 2024 में मालदीव सरकार की कैबिनेट ने मंज़ूर किया था, लेकिन इसे लागू करने में थोड़ा वक्त लग गया।
मालदीव और इजरायल के सम्बन्ध
ये प्रस्ताव सबसे पहले मई 2024 में विपक्ष के सांसद मीकाल अहमद नसीम ने रखा था, जिसे पास होने से पहले कई महीनों तक संसद में चर्चा का सामना करना पड़ा। मालदीव और इजरायल के बीच वैसे भी कभी राजनयिक संबंध नहीं रहे हैं। लेकिन 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद हालात और ज्यादा खराब हो गए। अब मालदीव ने ये भी कहा है कि वह गाजा में इजरायल द्वारा किए गए कथित नरसंहार के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका द्वारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाए गए केस का समर्थन करेगा। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 18 मार्च को युद्धविराम टूटने के बाद से अब तक 1,600 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, पूरे युद्ध के दौरान अब तक करीब 51,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।