बहुत शक्तिशाली हैं ये 5 मुस्लिम देश, इनकी ताकत के आगे थर-थर कांपता है अमेरिका

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ये मुस्लिम देश हैं इतने ताकतवर कि अमेरिका भी कदम उठाने से पहले सोचता है

अमेरिका भले ही दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति माना जाता हो, लेकिन कुछ मुस्लिम देश ऐसे हैं जिनकी सैन्य ताकत, आर्थिक मजबूती और रणनीतिक स्थिति के चलते अमेरिका को भी उनके खिलाफ कोई भी कदम उठाने से पहले कई बार सोचना पड़ता है। ये देश न सिर्फ अपनी सैन्य शक्ति के लिए मशहूर हैं, बल्कि वैश्विक राजनीति, व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति में भी अहम भूमिका निभाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ ताकतवर मुस्लिम देशों के बारे में।

सऊदी अरब

सऊदी अरब सिर्फ इस्लामी दुनिया का केंद्र ही नहीं, बल्कि दुनियाभर की ऊर्जा आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा भी नियंत्रित करता है। इसके पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार हैं, जो इसे एक आर्थिक महाशक्ति बनाते हैं। इसके अलावा, यह दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदारों में से एक है और इसकी सेना अत्याधुनिक हथियारों से लैस है।

यूएई

यूएई को उसकी ऊंची इमारतों और लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता है, लेकिन उसकी असली ताकत उसकी मजबूत अर्थव्यवस्था और राजनयिक प्रभाव में है। इसकी सेना भले ही छोटी हो, लेकिन इसमें यूरोप और अमेरिका से खरीदे गए एडवांस हथियार शामिल हैं, जो इसे बेहद आधुनिक बनाते हैं।

कतर

कतर दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है और इसकी समृद्धि का सबसे बड़ा कारण इसका विशाल प्राकृतिक गैस भंडार है। इसके अलावा, कतर की सरकार ‘अल-जज़ीरा’ जैसे प्रभावशाली मीडिया नेटवर्क को नियंत्रित करती है, जो दुनियाभर की राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

तुर्की

तुर्की नाटो (NATO) का इकलौता मुस्लिम सदस्य देश है और इसकी सेना दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक मानी जाती है। तुर्की का भौगोलिक महत्त्व भी बहुत ज्यादा है क्योंकि यह यूरोप और एशिया के बीच एक सेतु की तरह काम करता है।

ईरान

ईरान अपनी सैन्य शक्ति और क्षेत्रीय प्रभाव के चलते हमेशा से अमेरिका के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इसके पास विशाल तेल और गैस भंडार हैं, जो इसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखते हैं। इसके अलावा, ईरान की मिसाइल टेक्नोलॉजी और सैन्य शक्ति इसे और भी खतरनाक बनाती है।

क्यों अमेरिका भी इनसे बचकर चलता है?

इन देशों की ताकत सिर्फ उनकी सेनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी अर्थव्यवस्था, रणनीतिक स्थिति और वैश्विक प्रभाव भी इन्हें सुपरपावर बना देता है। यही वजह है कि अमेरिका को भी इनके खिलाफ कदम उठाने से पहले कई बार सोचना पड़ता है।