Covid-19 : भारत को खतरे की घंटी, सामने आई ये भयानक खबर

Covid-19 : जीनोम सीक्वेसिंग के लिए गठित इन्साकॉग के अनुसार, मुंबई में मिला नया कोरोना का नया स्वरूप एक्सई जैसा दिखाई नहीं दे रहा है। इन्साकॉग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मुंबई में मिले सैंपल की जब एक्सई वैरिएंट के साथ अनुवांशिक संरचना से मेल किया गया तो इसमें कोई समानता नहीं दिखाई दी। ऐसे में मुंबई में मिले स्ट्रेन को एक्सई की पहचान नहीं दी जा सकती।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मार्च में मुंबई से एकत्रित सैंपल की जीनोम सीक्वेसिंग में एक्सई वैरियंट जैसा एक मामला पाया गया था, लेकिन बाद में जांच के दौरान यह एक्सई वैरियंट जैसा नहीं मिला है। महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर वैज्ञानिकों से चर्चा भी की।

बताया जा रहा है कि एहतियात के तौर पर मुंबई सहित देशभर के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर फिर से निगरानी बढ़ाई जा सकती है। मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, एक्सई स्ट्रेन ओमिक्रॉन के दोनों वैरियंट की तुलना में करीब 10 से 15 फीसदी अधिक फैलने की क्षमता रखता है।

हालांकि जन स्वास्थ्य के लिहाज से इसके असर को लेकर अभी तक अधिक जानकारी नहीं है। न ही यह पता चला है कि टीकाकरण कराने वालों में इसका क्या असर दिखाई दे सकता है? मंत्रालय के अनुसार, कोरोना का नया एक्सई स्ट्रेन ओमिक्रॉन वैरियंट से निकले बीए.1 और बीए.2 से रीकॉम्बिनेंट है।

बीते वर्ष दिसंबर माह में ओमिक्रॉन के जब भारत में मामले मिलना शुरू हुए थे तब मरीजों में बीए.1 वैरियंट ही सबसे अधिक था लेकिन इस साल जनवरी में बीए.2 वैरियंट अधिक मिलने लगे थे। एक्सई वैरियंट सबसे पहले इसी साल जनवरी महीने में यूके में सबसे पहले मिला था लेकिन तब से लेकर अब तक यह थाईलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका में मिला है।

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